मोदी की इस सलाह से बदल गए किसानों के विचार, बेटे की शादी में कर दी ये मांग

रिपोर्ट- आदर्श त्रिपाठी

हरदोई। भारत में बढ़ती आबादी के साथ प्रदूषण एक बड़ी समस्या बनता चला जा रहा है वहीं इस प्रदूषण को बढ़ाने के लिए लोगों में पर्यावरण के प्रति उदासीनता भी है और कहीं ना कहीं हम लोग ही इसके लिए जिम्मेदार है। इस समय खेतों में किसान धान की कटाई कर उसके खरपतवार यानी पराली को खेत में ही जला रहा है यह समस्या लगभग पूरे भारत वर्ष की है।

मोदी

पराली जलाने से उठने वाला धुआं पर्यावरण के लिए खतरा साबित हो रहा है और इस खतरे की चपेट में सबसे ज्यादा दिल्ली मुंबई आगरा लखनऊ मेट्रो सिटीज है यह धुआं धुंध बन कर लोगों के लिए हानिकारक बन रहा है जिससे लोगों को सांस लेना मुश्किल हो रहा है कल मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने लोगों को पराली खेतों में ना चलाने की सलाह दी है मिश्रित लोकसभा क्षेत्र में प्रधानमंत्री की मन की बात सुनने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे और उन्होंने प्रधानमंत्री से सीख ली है विवाह खेत में पराली नहीं जलाएंगे और पर्यावरण को स्वच्छ साफ सुथरा रखने के लिए सहयोग देंगे सांसद की मौजूदगी में वे इस कार्यक्रम में लोगों ने पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीखनी है।

प्रधानमंत्री को सुनने के बाद किसान जिसने बेटे की शादी में बेटी के पिता से मांग की है कि वह खेतो में पराली ना जलाएं कहीं ना कहीं देश के प्रधानमंत्री ने आम जनता को खेतों में पराली ना जलाने के लिए कहा है उन्होंने कहा खेतों में जलाई जाने वाली पराली प्रकृति को प्रदूषित करती है पराली को खेत में ना जला कर उसकी खाद भी बनाई जा सकती है।

उसके बाद लाइव टुडे ने सांसद, किसान और शिक्षक से प्रधानमंत्री कि पर्यावरण को दूषित ना करने की मुहिम पर बात की है जिसमें विशाल व समाजसेवी सतीश ने बताया कि प्रधानमंत्री ने किसानों को बहुत सही राय दी है पराली को खेत में ना जला कर उससे खाद बनाई जा सकती है जिससे खेत का पोषण होता है वही सांसद अंजू बाला ने प्रधानमंत्री की मन की बात से लोगों को पर्यावरण के लिए मिली ससलाह के लिए सराहना व्यक्त की है  शिक्षक ने कहा कि वो लगातार बच्चों को पर्यावरण को स्वच्छ बनाने के लिए प्रेरित करती रहती हैं और आगे प्रधानमंत्री को सुनने के बाद उनका यह क्रम और भी तेजी से जारी रहेगा।

प्रधानमंत्री को सुनने के लिए आए या वह ग्रामीण परिवेश के सीधे-साधे भोले भाले लोग हैं जो प्रकृति के बीच में रहकर प्राकृतिक संसाधनों से जीवन यापन करते हैं लेकिन कहीं ना कहीं धोखे से पराली जैसी चीजों को जलाकर प्रकृति के साथ खिलवाड़ भी करते हैं प्रधानमंत्री की दी गई पराली ना जलाने की सीन इन लोगों के काम आएगी और आगे से यह पराली ना जला कर उस से खाद बनाने का काम  करेंगे–  हम तो यही कहना चाहते हैं कि प्रकृति जीवन दायिनी मां के समान है और इसके साथ खिलवाड़ समाज के लिए घातक है।

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मन की बात कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जनता को संबोधित करते हुए पराली खेतों में ना जलाने का संदेश दिया है किसानों द्वारा खेतों में जलाई जा रही पराली पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बनी हुई है कोर्ट के निर्णय के बाद भी प्रशासन इस पर काबू नहीं पा पा रहा है प्रदूषण के खतरे को खाते हुए प्रधानमंत्री ने किसानों को पराली ना जलाने के लिए संबोधित किया है इसी मुद्दे पर स्वच्छता और पर्यावरण को स्वच्छ रखने की मुहिम पर बात की।

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