गहरे रंग त्वचा वाली अभिनेत्री का कहना टिप्पणी करना बहुत खतरनाक

मुंबई| बॉलीवुड अभिनेत्री व फिल्म निर्माता नंदिता दास का कहना है कि भारतीय समाज में गोरी त्वचा की सनक तब से है, जब कोई इस बारे में सोच भी नहीं सकता था। उन्होंने कहा कि त्वचा के रंग को लेकर टिप्पणी करना बहुत ही खतरनाक हो सकता है।

Nandita-Das

‘मंटो’ की निर्देशक एक बार फिर त्वचा के गहरे रंग पर सामाजिक धाराणाओं को लेकर सामने आई हैं।

वेब कार्यक्रम ‘द गर्ल ट्राइब’ पर बात करते हुए नंदिता ने अभिभावकों को इस तरह के मामलों पर अपने बच्चों के साथ बातचीत करने के बारे में जागरूक होने की जरूरत पर जोर दिया।

नंदिता ने कहा, “वे एक बच्चे की तरह कहेंगे, आपके नैन-नक्श अच्छे हैं, लेकिन खराब बात यह है कि आप काले हो। शुक्र है, मेरे अभिभावकों ने मेरे रंग-रूप के बारे में ऐसा नहीं कहा।”

 Nandita Das
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्यवश, भले ही अभिभावक अपने बच्चों से प्यार करते हों, लेकिन उन्हें नहीं पता कि वे इन चीजों को लगातार कहते रहते हैं कि धूप में बाहर मत जाओ, नहीं तो आप काले हो जाओगे। मुझे लगता है कि गोरी त्वचा को लेकर सनक हमारे समाज में तब से है, जब से हम इस पर सोच भी नहीं सकते थे।”

ये भी पढ़ें:-नुमान जी के 108 नामों में से 12 प्रसिद्ध नाम जपने से बनेंगे सारे बिगड़े हुए काम

फिल्म के बात करे तो यह फिल्म उर्दू के महान कहानीकार सआदत हसन मंटो की जिंदगी पर आधारित है.ये फिल्म मंटो के जीवन के उतार- चढ़ाव भरे पहलुओं को दिखाती है।

साल 1948 के दशक पर आधारित लौहार की इस कहानी में ‘मंटो’ काफी दमदार डायलॉग बोले हैं. पाकिस्तान की पृष्टभूमि पर आधारित इस फिल्म के ट्रेलर में मंटो कहते हैं, “जब गुलाम थे तो आजादी का ख्वाब देखते थे और अब आजाद हैं तो कौन-सा ख्वाब देखें?”

LIVE TV