बेखौफ होते जा रहे साइबर अपराधी, पुलिस के हाथ खाली

रिपोर्ट – शिवा शर्मा

लखनऊ। लखनऊ में महज 4 दिनों के भीतर एटीएम जालसाजो ने सैकड़ो लोगो को अपना निशाना बनाया है। उनके एटीएम से लाखो की रकम उड़ा दी गयी है। जाँच कर रही साइबर क्राइम सेल और कई थानों की पुलिस इन जालसाजो के आगे बेबस दिख रही है। लोगों को साइबर अपराधियों से बचाया जा सके इसके लिए अब साइबर क्राइम सेल लोगो को अपने एटीएम पिन को बदलने की सलाह दे रहा है। लेकिन कई थानों में तो में तो ठगे हुए पीड़ितों की एफआईआर तक नहीं लिखी जा रही है।

साइबर अपराधी

दरअसल साइबर अपराधियों ने इस बार एटीएम जालसाजी का ऐसा खेल खेला है। जिसे साइबर क्राइम सेल और तमाम पुलिस अधिकारी भी नहीं समझ पाये हैं। साइबर अपराधियों ने इंजमामुल हक़ के अकाउंट से जासाज़ो ने 28 हज़ार रकम की ऑनलाइन शॉपिंग कर उनके अकाउंट में सेंधमारी करी।

साइबर क्राइम सेल की अब तक की जाँच में ये चौकाने वाला खुलासा भी हुआ है की बड़ी संख्या में राजधानी के तमाम एटीएम मशीनों में जालसाजो ने स्किमर लगाकर कार्डो की क्लोनिंग की है। इसके साथ ही एटीएम में एक्स्ट्रा अटैचमेंट यानि कैमरे लगाकर लोगो के एटीएम को हैक किया गया है। साथ ही जालसाजी से बचने के लिए साइबर क्राइम सेल के नोडल अफसर अभय प्रसाद मिश्रा ने लोगो से अपने एटीएम पिन कोड चेन्ज करने की अपील भी की है।

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ठगी के मामलो को लेकर जब लखनऊ पुलिस के मुखिया एसएसपी से सवाल किया गया तो उन्होंने भी पलड़ा झाड़ते हुए पीड़ितों को e- एफआईआर करने की सलाह दे दी। लेकिन उन्होने अपनी गलती नहीं मानी की थाने में पीड़ितों की एफआईआर दर्ज ही नहीं की जा रही ऐसी में जनता का विश्वास भी पुलिस के ऊपर से उठता जा रहा है।

जिस तरह से गोमतीनगर , गाजीपुर , इंदिरानगर , जानकीपुरम , चिनहट , अलीगंज , हजरतगंज क्षेत्रो में लोग साइबर अपराधियों का शिकार हुए है। उसके बाद बैंक के तमाम अधिकारी और कर्मी भी संदेह के घेरे में है और पुलिस इनसे भी पूछताछ करने की तयारी में है।

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