महाभारत के लाक्षागृह से उठेगा पर्दा, युगों पुराना रहस्य जानने पहुंची टीम

बागपत। महाभारत काल में हुई लाक्षागृह घटना क्या आप जानते हैं? क्या उस समय सच में बनाया गया था लाख का महल? इस बात की सच्चाई का पता लगाने की शुरुआत कर दी गई है। देश की राजधानी दिल्ली से महज 40 किलोमीटर दूर यूपी के बागपत को महाभारत कालीन भूमि कहा जाता है। इसी जिले में बसा है बरनावा इलाके में बना एक टीले को महाभारत के समय का लाक्षागृह बताया जाता है।

क्या है लाक्षागृह?

लाक्षागृह एक भवन था जिसे दुर्योधन ने पांडवों के विरुद्ध एक षड्यंत्र के तहत उनके ठहरने के लिए बनाया था। इसे लाख से निर्मित किया गया था ताकि पांडव जब इस घर में रहने आएं तो चुपके से इसमें आग लगा कर उन्हें मारा जा सके। यह वार्णावत (वर्तमान बरनावा) नामक स्थान में बनाया गया था।

बता दें कि  यहां एक सुरंग भी है, जिसे महाभारत के समय का प्रमाण बताया जाता है। इसी के चलते बुधवार को पुरात्व विभाग ने यहां उत्खनन शुरू किया है। इस उत्खनन में 15 शोधकर्ता छात्रों की टीम और पुरात्व विभाग के अधिकारी जुड़े हुए हैं।

वहीं पूर्व मंत्री नवाब कोकब हमीद का कहना है कि खंडवारी की गुफा इतिहास में मिले प्रमाण और बुजुर्गों की कहानियां बताती हैं कि हस्तिानापुर, बरनावा और बागपत के खंडवारी क्षेत्र में ही महाभारत हुआ था। यह पूरा क्षेत्र एक-दूसरे से जुड़ता है। इतिहास को सहेजने के लिए गंभीरता से प्रयास भी करने चाहिए। बागपत के खंडवारी में रह रहे महाराज कंवर नाथ बताते हैं कि इस गुफा में जंगली जानवरों ने डेरा बना लिया था। करीब 60 साल पहले तेंदुए के गुफा में घुस जाने के कारण बाद में इसे बंद कराया गया।

वहीं भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण शाखा द्वितीय लाल किला, भारतीय पुरातत्व संस्थान नई दिल्ली बड़ौत के प्रतिनिधियों ने उत्खनन की तिथि 10 जनवरी घोषित की थी, जिसके बाद बुधवार को टीम ने उत्खनन कार्य शुरू कर दिया है। इस मौके पर देश के कई जाने-माने इतिहासकार भी मौजूद थे।

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