
नई दिल्ली। अक्सर ऐसा होता है कि कई जगह लोग पानी की बोतल पर छपे रेट से ज्यादा कीमत आपसे वसूलते हैं। आपके विरोध करने के बावजूद भी वो आप से एक्स्ट्रा रुपए लेते हैं। लेकिन अब आपको इस बात की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार के बनाए गए नय नियमों के तहत आपको पानी की बोतलों पर एक्स्ट्रा रेट नहीं देना पड़ेगा।
जी हां, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि अब रेस्टोरेंट, होटल और मल्टीप्लेक्सों में मिनरल वॉटर की बोतल पर छपी कीमत से ज्यादा रकम वसूलने पर मैनेजमेंट प्रशासन को जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।
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सरकार का कहना है कि छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूल करना उपभोक्ता के अधिकारों का हनन है। यह हरकत टैक्स चोरी को बढ़ावा देती है। सरकार ने कहा कि बोतलों पर छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूलने के चलन से सरकार को भी सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी में नुकसान झेलना पड़ता है। मंत्रालय का कहना है कि प्री-पैक्ड या प्री-पैकेज्ड प्रॉडक्ट्स पर छपी कीमत से ज्यादा पैसे वसूलना लीगल मेट्रोलॉजी एक्ट के तहत एक अपराध माना जाता है।
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लीगल मेट्रोलॉजी अधिनियम की धारा 36 बताती है कि कोई भी व्यक्ति अगर किसी प्री-पैक्ड वस्तु को उस कीमत पर बेचते या वितरित करते हुए पाया जाता है जो कि पैकेज पर अंकित घोषणाओं के अनुरूप नहीं है उसे दंड दिया जा सकता है।
उस पर पहले अपराध के रूप में 25,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया जा सकता है। वहीं ऐसा अपराध दूसरी बार होने पर यह जुर्माना राशि 50,000 तक जा सकती है। इसके अलावा बार बार इस तरह का अपराध करने पर 1 लाख तक का जुर्माना या फिर जेल की सजा का प्रावधान या फिर दोनों तरह के दंड दिए जा सकते हैं।