नोटबंदी के बाद सरकार कर सकती है इस बड़े फैसले का ऐलान, जानें क्या है पूरी प्लानिंग

केंद्र सरकारनई दिल्ली। केंद्र सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है, जिसके तहत बैंकिंग व्यवस्था में बदलाव हो सकते हैं। यह खबर उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है जोकि चेक से पेमेंट करते हैं। सरकार नोटबंदी के एक साल पूरा होने के बाद एक बड़े फैसले के साथ तैयार है।

अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (CAIT) के मुताबिक सरकार चेक के माध्यम से लेन-देन बंद करने के बारे में विचार कर रही है। उद्योग समूह का कहना है कि सरकार चेक से होने वाले लेनदेन पर जल्द ही रोक लगा सकती है।

बता दें चेक से पेमेंट न हो इसके लिए सरकार चेकबुक को बंद कर सकती है।

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उल्लेखनीय है कि नोटबंदी के बाद से ही मोदी सरकार डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। ऐसे में डिजीटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई आकर्षक ऑफर भी पेश कर चुकी है।

इसी क्रम में अब सरकार इस व्यवस्था को भी बंद कर सकती है। अगर चेकबुक बंद हुई तो व्यापारियों के पास नगद भुगतान के अलावा डिजीटल पेमेंट का ही विकल्प बचेगा।

सीएआईटी के जनरल सेकेट्री प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था को कैशलेश इकोनॉमी बनाने पर जोर दे रही है। ऐसे में डिजीटल पेमेंट को बढ़ाने के लिए सरकार क्रेडिट और डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान करने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि अभी सरकार नोट की छपाई पर 25000 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करती है, वहीं इन नोटों की सुरक्षा पर लगभग 6000 हज़ार करोड़ खर्च किए जाते हैं।

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खंडेलवाल के मुताबिक, ‘इस तरह नोटों की छपाई और रखरखाव में कुल 31000 हज़ार करोड़ का खर्च किया जाता है। यदि सरकार कैशलेस इकोनॉमी बनाने में कामयाब होती है तो इससे खर्च में बड़ी कमी आएगी।

उन्होंने कहा कि देशभर में 80 करोड़ एटीएम हैं, लेकिन सिर्फ 5 प्रतिशत कार्ड का इस्तेमाल डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए किया जाता है और 95 प्रतिशत एटीएम कार्ड सिर्फ कैश निकालने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। यदि सरकार डिजीटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देना चाहती है तो कार्ड पेमेंट पर लगने वाले चार्ज भी खत्म करने होंगे।

अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ जनरल सेकेट्री ने लोगों से डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने की अपील की है।

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