हाफिज सईद की रिहाई पर लखीमपुर खीरी में मना जश्न, प्रशासन के फूले हाथ-पैर
लखनऊ। देश के दुश्मनों की सूचि में पहले नम्बर पर आने वाले आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आका की रिहाई पर यूपी के लखीमपूर में जश्न मनाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पाकिस्तान में आतंकी सरगना हाफिज सईद की रिहाई के बाद लखीमपुर खीरी के मुहल्ला बेगमबाग व लक्ष्मीनगर में कुछ लोगों ने जश्न मनाने के साथ ही घरों के बाहर हरा झंडा लगाया।
मामला सामने आते ही जिला प्रशासन में अफरातफरी मच गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई के रूप में झंडे उतरवा दिए और डीएम आकाशदीप ने बताया कि पुलिस ने मौके पर जाकर जांच किया। वहीं जांच के बाद जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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गुरुवार को यह विवाद दोपहर बाद उस समय बढ़ा जब बेगमबाग और लक्ष्मीनगर मुहल्ले के कुछ हिस्सों में हरे झंडे लगाए जाने लगे। शाम के समय आरएसएस कार्यकर्ता के घर के सामने लगे झंडों को लेकर विवाद खड़ा हो गया।
वहीं आरोप ये भी है कि रात में आतंकी हाफिज सईद के समर्थन में एक धार्मिक स्थल के पास आतिशबाजी की गई और जमकर नारेबाजी भी हुई। आरएसएस कार्यकर्ता ने मुहल्ले के लोगों के साथ मिलकर इस पर एतराज जताया और झंडा लगने के कारणों के बारे में पूछताछ की। पता चला कि हरे झंडे पाकिस्तानी आतंकी हाफिज सईद की वहां के सुप्रीम कोर्ट से रिहाई के बाद खुशी में लगाए गए हैं।
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जानकारी के लिए बता दें कि, गुरुवार को पंजाब प्रांत के न्यायिक समीक्षा बोर्ड ने हाफिज सईद की 30 दिन की नजरबंदी पूरी होने पर उसकी रिहाई का आदेश सर्वसम्मति से दिया था। सईद की 30 दिन की नजरबंदी की अवधि गुरुवार आधी रात को पूरी हो गई थी। जिसके बाद उसे रिहा कर दिया गया था।
दरअसल, 31 जनवरी 2017 को सईद और उसके चार साथियों अब्दुल्ला उबैद, मलिक जफर इकबाल, अब्दुल रहमान आबिद और काजी काशिफ हुसैन को ऐंटी-टेररिजम ऐक्ट 1997 और इसी ऐक्ट की चौथी अनुसूची के तहत 90 दिनों के लिए हिरासत में ले लिया गया था। हालांकि, पिछले दो बार से उसे पब्लिक सेफ्टी लॉ के तहत उसकी हिरासत की अवधि बढ़ाई गई थी।