21 साल तक सुनाए फैसले, जज की पोल खुलते ही मचा हडकंप

तमिलनाडुचेन्नई। अब तक आपने लोगों को कई तरह का फर्जीवाड़ा करते हुए पकड़ा होगा या ख़बरों में उनके बारे में पढ़ा होगा। पर आज हम आपको ज़रा अलग तरह के फर्जी वाड़े के बारे में बताने जा रहे हैं। जिसे जानकर आप दांतों तले उंगली दबा लेंगे। दरअसल, तमिलनाडु में एक शख्स ने बिना लॉ डिग्री के ही 21 साल तक जुडिशल मजिस्ट्रेट के तौर पर नौकरी की। फर्जी जज की खबर सामने आते ही तमिलनाडु में न्यायिक व्यवस्था से जुड़ा हर व्यक्ति दंग रह गया।

‘नौकरियों में भ्रष्टाचार किया तो जब्त होगी संपत्ति’ : सीएम योगी

आपको बता दें कि, वकील के तौर पर प्रैक्टिस कर रहे मदुरै के पूर्व ‘मजिस्ट्रेट’ पी। नटराजन ने बिना डिग्री के ही जज के तौर पर काम किया और अब पेंशन भी ले रहे हैं। मामले के सामने आने के बाद तमिलनाडु और पुदुचेरी के बार काउंसिल ने नटराजन को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों न वकील के तौर पर उनके रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया जाए।

नटराजन ने जवाब देते हुए कहा कि मैंने 20 साल का समय न्यायिक सेवा में दिया है। इस लिए मेरे साथ इस तरह का बर्ताव अन्यायपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि, मैंने कर्नाटक के एक प्राइवेट कॉलेज से लॉ की डिग्री ली थी। उन्होंने बार काउंसिल को बताया, ‘मुझे कॉन्वोकेशन के दौरान यह नहीं बताया गया कि यह डिग्री सिर्फ ‘अकादमिक उद्देश्यों’ के लिए ही इस्तेमाल की जा सकती है। इसे रोजगार के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता।’

समुद्र में ISRO संभालेगा मोर्चा, आतंकी तो क्या परिंदा भी पर नहीं मार पाएगा

नटराजन ने 1975 से 1978 के दौरान शारदा लॉ कॉलेज से बैचलर ऑफ जनरल लॉ की डिग्री ली थी। मैसूर यूनिवर्सिटी से मान्यता प्राप्त इस कॉलेज में दो साल तक तो वह दूरस्थ शिक्षा ही लेते रहे और आखिरी साल यानी थर्ड इयर में ही उन्होंने क्लासेज अटेंड कीं। 15 फरवरी, 1982 को नटराजन को जुडिशल मजिस्ट्रेट के तौर पर चुना गया था। 21 साल तक नौकरी करने के बाद 30 जून, 2003 को अपने पद से रिटायर हुए।

यही नहीं इसके एक महीने के भीतर ही नटराजन ने बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु और पुदुचेरी में वकील के तौर पर अपना रजिस्ट्रेशन कर लिया। यहां भी उन्होंने उस नियम का उल्लंघन किया, जिसके तहत वह अपनी डिग्री के तहत वह न्यायिक व्यवस्था में रोजगार के हकदार नहीं थे।

LIVE TV