चार साल बाद डासना जेल से रिहा हुए तलवार दंपति, सवाल अब भी वही कि दोषी कौन?
गाजियाबाद| अपनी 14 वर्षीय बेटी आरुषि और घरेलू नौकर हेमराज की हत्या के आरोप में यहां की डासना जेल में सजा काट रहे राजेश और नूपुर तलवार को सोमवार शाम रिहा कर दिया गया। इन दोनों को सीबीआई अदालत में इलाहबाद उच्च न्यायालय के फैसले की प्रमाणित प्रति सौंपने के बाद रिहा किया गया। इलाहबाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए तलवार दंपति को दोषमुक्त करार दिया है।
तलवार दंपति हुए रिहा
दोनों जैसे ही जेल से बाहर आए, उनकी सुरक्षा में पुलिस कर्मी तैनात हो गए। वे वहां कुछ देर रुके और इस दौरान उनका इंतजार कर रहे प्रेस फोटोग्राफरों ने उनकी फोटो खींची।
इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो(सीबीआई) ने डासना जेल से राजेश और नूपुर तलवार की रिहाई का आदेश जारी किया था। अदालत ने यह आदेश दंपति के वकील सत्यकेतु सिंह द्वारा इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश की प्रमाणित प्रति सीबीआई अदालत में पेश करने के बाद दिया था।
‘राहुल के अलावा कोई दूसरा चाह कर भी नहीं बन सकता कांग्रेस अध्यक्ष’
सीबीआई अदालत के न्यायाधीश राजेश चौधरी ने दस्तावेज प्रमाणित करने के बाद तीन बजकर 30 मिनट पर रिहाई के आदेश जारी किए थे।
वर्ल्ड फूड डे: ठेले पर लबरापन तो खूब दिखाए होगे पर चाय और जलेबी का इतिहास न पता होगा
तलवार दंपति की रिहाई के साथ ही इतना तो तय हो गया कि अपनी बेटी को उन्होंने नहीं मारा लेकिन ये सवाल अब भी एक पहेली बना हुआ है कि आखिर आरुषी का कातिल कौन है।