वर्ल्ड फूड डे: ठेले पर लबरापन तो खूब दिखाए होगे पर चाय और जलेबी का इतिहास न पता होगा

वर्ल्ड फूड डेआज विश्व खाद्य दिवस यानी कि वर्ल्ड फूड डे है। आज भारत में लोग कई तरह के खानों पर चर्चा करते नजर आएंगे, तो कुछ खानों का इतिहास बयां करेंगे।

कुछ लोग लबलबी जीभ से अपनी पसंदीदा रेसिपी बताकर तो कुछ रेसिपी को बनाकर इस दिन की खुशी को सोशल मीडिया पर जाहिर करते दिखाई देंगे।

वहीं आपने अक्सर लोगों के या खुद के मुंह से भी कहते हुए सुना होगा कि भारत जैसा स्वादिष्ट खाना कहीं भी नहीं। भारत एक मात्र ऐसा देश है जहां हर तरह का खाना पाया जाता है।

लेकिन भारतीय खानों का डंका बजाने वालों को जरा बता दें कि जिन चीजों को आप चटकारा लगा-लगाकर खाते हैं ना वो असल में भारत का है नहीं। जी हां, भारत की वो चीजें जिनको देखकर आपके मुंह में पानी आ जात है, वो भारत का नहीं बल्कि अलग-अलग देशों से रेसिपी चुराकर उसमें घोल-मोल कर आपको परोसा जाता है। अब आप सोच रहे होंगे कि हम आखिर किन चीजों के बारे में बता रहें। तो दिमाग पर बिना जोर डाले चलिए आज हम को बतातें है उन खानों के बारें में जो भारत का है ही नहीं-

सबसे पहले बात करेंगे हम सुबह का सबसे स्वादिष्ट नाश्ता जलेबी और रस से भरे गुलाबजामुन के बारें में। दरअसल जलेबी और गुलाबजामुन ईरानी व्यापारियों के साथ भारत आया है।

 

सुबह की चुसकी भरी चाय भी अंग्रेजों की देन है, जिसे बंगाल के प्रसिद्ध ‘को सूक्तो’ पूर्तगाली लेकर आए हैं।

हमारा सबसे प्यारा आलू पुर्तगाली लाए और आलू से बना समोसा भी मध्य एशिया से आया।

सबसे स्वादिष्ट बिरयानी जो सबके दिलों पर छाई है। दरअसल उसमें चावल के साथ दाल या कुछ भी रसे वाला मिलाकर खाने का मूल कॉन्सेप्ट भी भारत का है ही नहीं।

इतना ही नहीं लाल मिर्च और टमाटर भी विदेशी हैं, यहां तक की रोटी भी फ्रेंच शब्द है।

अब इतनी सारी चीजें जानने के बाद जाहिर है कि हर भारतीय को दुख जरूर हुआ होगा। खैर इन सबको छोड़िए और बढ़िया-बढ़िया स्वादिष्ट व्यंजन बना कर आप भी वर्ल्ड फूड डे को एंजॉय करिए।

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