आर्मी चीफ ने दिया सर्जिकल स्ट्राइक का संकेत, कहा- यहां आए तो ढाई फीट जमीन में गाड़ देंगे
नई दिल्ली| सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने सोमवार को कहा कि पिछले वर्ष नियंत्रण रेखा के पार जाकर की गई सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान के लिए एक संदेश था, और उन्होंने आवश्यकता पड़ने पर और भी इस तरह की सर्जिकल स्ट्राइक का संकेत दिया।
पाकिस्तान पर भारत की सर्जिकल स्ट्राइक को एक साल पूरा होने जा रहा है। इस मौके पर जहां पाकिस्तान अपनी हार का बदला लेने की नापाक साजिशें रच रहा है, वहीं भारतीय सुलक्षाबल उसे मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार बैठे हैं।
रावत ने इंडियाज मोस्ट फीयरलेस नामक किताब के लोकार्पण के बाद कहा, “स्ट्राइक एक संदेश था, जिसे हम देना चाहते थे। मैं समझता हूं कि वे हमारे संदेश को समझ गए हैं। जरूरत पड़ने पर ऐसी कार्रवाई फिर की जा सकती है।”
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इस किताब में म्यांमार सीमा और नियंत्रण रेखा के पार की गई सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में सामाग्री है।
रावत ने कहा कि आतंकवादी लगातार आते रहेंगे और भारतीय सैनिक उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, “हम किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए तैयार हैं। आतंकवादी सीमा के उस पार तैयार हैं और हम सीमा के इस तरफ उनकी खातिरदारी के लिए तैयार हैं। हम उनका स्वागत करेंगे और उन्हें उनकी कब्र में दफन कर देंगे।”
इतना ही नहीं जनरल रावत ने इससे आगे बढ़कर बेहद सख्त अंदाज में आतंकियों को चेताया। उन्होंने कहा, ‘वो (आतंकवादी) इधर आएंगे, हम उनको रिसीव करके, ढाई फीट जमीन के नीचे भेजते रहेंगे’।
सेना ने किया नाकाम
वहीं दूसरी तरफ एक और बड़ी जानकारी इस संबंध में सामने आई है। जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में जैश-ए मोहम्मद के जिन 4 आतंकियों को ढेर किया गया है, वो दरअसल सर्जिकल स्ट्राइक का बदला लेने की रणनीति के तहत ही वहां आए थे। मगर, सुरक्षाबलों ने पहले ही उनके नापाक इरादों को खाक कर दिया।
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हालांकि, अभी खतरा टला नहीं है। बताया जा रहा है कि ये चारों जैश-ए मोहम्मद के जिस ग्रुप का हिस्सा थे, उसमें कुल 15 आतंकी थे। आतंकियोें का ये ग्रुप उत्तरी कश्मीर से भारत की सरहद में दाखिल हुआ था।
बता दें कि भारत ने 2016 में 29 सितंबर की रात पाकिस्तान की सरहद में घुसकर उस पर वार किया था। जिसके बाद से ही पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और एक बार फिर उरी हमले जैसे किसी बड़े अटैक को सर्जिकल स्ट्राइक का एक साल पूरा होने के मौके पर अंजाम देने की फिराक में था।