छात्रों ने दिखाई अदभुत कलाकारी, लोहे के कबाड़ में फूंक दी ज़ान

आगरा। छात्रों ने दिखाई अदभुत कलाकारी –  क्या लोहे के कबाड़ से भी एक मूर्ति बन सकती है। जी हां, ये साबित कर दिखाया है, आगरा के ललित कला संस्थान के छात्रों ने। छात्रों ने लोहे के वेस्ट मेटेरियल (स्क्रैप) से एक से एक बेहतरीन 15 आकृतियों में ढाल उन्हें मूर्ति रुप प्रदान किया है।छात्रों ने दिखाई अदभुत कलाकारी

आगरा के डॉ. भीमराव अांबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी कैंपस में देशभर से आए कलाकारों के साथ मिलकर ललित कला संस्थान के छात्र ने लोहे के वेस्ट मेटेरियल (स्क्रैप) को खूबसूरत आकृति में ढाल रहे हैं। अलग-अलग प्रदेश और शहरों से आए 16 कलाकार अपने दिमाग में उपजी आकृतियों को मूर्त रूप देने में लगे हैं।

कोई स्क्रैप से जोकर बना रहा है, तो कोई नट-बोल्ट से नंदी की आकृति और गिद्ध (गरुण) की आकृति। किसी ने सेल्फी प्वाइंट तो कोई प्रकृति को लेकर अपनी क्रिएटिव आकृति तैयार कर रहा है। राष्ट्रीय ललित कला अकादमी के अध्यक्ष उत्तम पाचारणी ने बताया कि कलाकारों ने स्क्रैप मेटल से सभी आकृतियां तैयार की हैं।

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ललित कला अकादमी की ओर से आयोजित वर्कशॉप में स्क्रैप मेटल से कलाकृतियां तैयार की जा रहीं हैं। इस वर्कशॉप में 16 कलाकार प्रतिभाग कर रहे हैं, जिसमें दो कलाकार आगरा के हैं। एक कलाकार माधवी शर्मा हैं, जिन्होंने विलुप्त हो रहे गिद्ध की आकृति को स्क्रैप मेटल से तैयार किया है। माधुरी ने बताया कि गिद्ध सफाई में भी सहायक है और वह शांतिप्रिय है।

धीरे-धीरे लकड़ी और मार्बल की कमी सामने आ रही है। इससे कलाकारों को आगे चलकर दिक्कत होगी। इसे देखते हुए राष्ट्रीय ललित कला अकादमी की ओर से यह कैंप लगाया गया है। इसमें स्क्रैप मेटल, जिसे लोग फेंक देते हैं, उसका उपयोग करके कलाकार आकृतियां बना रहे हैं।

आगरा, दिल्ली और महाराष्ट्र के कलाकार स्क्रैप मेटल से स्ट्रक्चर बना रहे हैं। इन स्ट्रक्चर को पेंट करके विश्व विद्यालय परिसर में ही रखा जाएगा। यही स्ट्रक्चर यहां के सौंदर्यीकरण में भी चार चांद लगाएंगे।

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