सुबह उठते ही बिना नहाए करें ये शुभ काम, सूरज से भी ज्यादा चमकेगी किस्मत

स्त्री हो या पुरुष सभी के लिए मंत्र जाप करने से पहले मन के साथ साथ तन का भी शुद्ध होना बेहद जरूरी होता है. शास्त्रों में भी कहा गया है कि पूजा-पाठ और मंत्रोच्चार करने से पहले तन-मन का शुद्ध होना जरूरी है.

मंत्र जाप

जाप करने का सबसे अच्छा समय सुबह नहाने के बाद का होता है. क्योंकि तब हमारा दिमाग एकदम शांत और ऊर्जावान होता है.

अक्सर ऐसा देखा गया है कि काम के बोझ या फिर ऑफिस जाने की जल्दी के चलते नहाने-धोने के बाद इतना समय ही नहीं बचता कि मंत्र जाप करना संभव हो सके. इसकी वजह से कई बार कार्यों में असफलता मिलती है, भाग्य साथ नहीं देता, घर-परिवार में अशांति रहती है.

अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो हम आपको एक ऐसा मंत्र बताने वाले हैं जिसको जागने के बाद बिस्तर पर ही पढ़ा जा सकता है. इसके लिए नहाने-धोने की भी जरुरत नहीं है. ख़ास बात ये है कि रोजाना इस मंत्र को पढ़ कर दिन की शुरुआत करने से चौंकाने वाले फायदे मिलते हैं.

मंत्र-

ब्रह्मा मुरारिस्त्रिपुरान्तकारी भानुः शशी भूमिसुतो बुधश्च।

गुरुश्च शुक्रः शनि राहुकेतवः कुर्वन्तु सर्वे ममसुप्रभातम्॥

इस मंत्र का अर्थ यह है कि ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य, चंद्र, मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु और केतु ये सभी मेरे प्रातःकाल यानी सुबह को मंगलमय बनाएं. इसे जपने से नौ ग्रहों की कृपा मिलती है.

इसके अलावा, हमारे हाथों के अग्रभाग में देवी लक्ष्मी, मध्य में सरस्वती और हाथ के मूलभाग में भगवान विष्णु का वास है. इसलिए सुबह जागते ही अपनी दोनों हथेलियों को देखकर मंत्र का पाठ करना चाहिए-

कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।

करमूले तू गोविंद: प्रभाते करदर्शनम्॥

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