‘रुपये की गिरावट अस्थायी, लंबी अवधि में रहेगी स्थिरता’

नई दिल्ली देसी मुद्रा रुपये में जारी गिरावट क्षणिक है और लंबी अवधि में डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर बिल्कुल स्थिर है। यह बात केंद्र सरकार के एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को कही। अधिकारी ने कहा कि सरकार जल्द ही गैर-जरूरी आयात वाली वस्तुओं की एक सूची तैयार करेगी और इनके आयात पर रोक लगाई जाएगी, जैसा कि सरकार ने पहले ही घोषणा की है कि चालू खाता घाटे की वृद्धि को कम करने के लिए सरकार आयात सीमित कर सकती है।

रुपये की गिरावट

आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने यहां एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “पिछले कुछ सप्ताह के दौरान 10 फीसदी की गिरावट से हमारी अर्थव्यवस्था को थोड़ा धक्का लग सकता है, लेकिन वह क्षणिक है।”

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उन्होंने कहा, “हर कोई यह समझता है और इस बात से सहमत है कि यह क्षणिक है। उच्च विकास और महंगाई के सूचकों के साथ लंबी अवधि में डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल बिल्कुल स्थिर है।”

गर्ग यहां पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में बोल रहे थे। सम्मेलन का विषय ‘रूरल इंडिया : रोड टू 5 ट्रिलियन इकॉनोमी’ था। उन्होंने कहा कि रुपये में अल्पकालीन गिरावट के बावजूद भारत की अर्थव्यवस्था 2025 तक पांच ट्रिलियन यानी 5000 अरब डॉलर की बन सकती है।

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उन्होंने कहा, “डॉलर और रुपये की विनिमय दर का उलझाव हमेशा बना रहता है। लेकिन पांच ट्रिलियन डॉलर की जो माप है वह डॉलर के संबंध में हैं, इसलिए जब हमारी करेंसी में उठाव आता है तो डॉलर के संदर्भ में हमारी अर्थव्यवस्था बड़ी बनती है और जब हमारी करेंसी में अवमूल्यन आता है तो डॉलर के संबंध में हमारी अर्थव्यवस्था अपेक्षाकृत छोटी बनती है।”

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