सस्पेंस और थ्रिलर से भरपूर ‘अंधाधुन’, काले चश्मे के पीछे आयुष्मान खुराना की जबरदस्त एक्टिंग

मुंबई. फिल्म ‘दृश्यम’ से आकर्षिक करने वाले डायेक्टर श्रीराम राघवन ने आयुष्मान खुराना और तब्बू की फिल्म ‘अंधाधुन’  लेकर आ रहे हैं. फिल्म की कहानी कुछ हटके है. बॉलीवुड में सस्पेंस से भरी फिल्में तो कई सारी बन चुकी हैं, लेकिन आखिरी सीन तक कुर्सी से जकड़कर बांध रख पाने वाली हैं.

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बॉलीवुड में अच्छी थ्रिलर फिल्म मुश्किल से बनती है। फिल्म में आंख पर काला चश्मा लगाए आकाश (आयुष्मान खुराना) की असलियत को पहचान पाना मुमकिन नहीं है और इसी वजह से आप आखिरी सीन तक का इंतजार करते रहेगें.

अगर तब्बू का किरदार की बात की जाये तो दर्शकों के बीच थ्रिलर और सस्पेंस बनाए रखने का काम करेगा. वहीं राधिका आप्टे कम सीन मे ज्यादा प्रभावी होने मे सफल रहीं. फिल्म की शुरुआत से लेकर आखिरी सीन तक आपको कुछ न कुछ चौंकाने वाले दृश्य सामने आते रहेंगे.

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काले चश्मे के पीछे पियानो बजाने में माहिर आकाश (आयुष्मान खुराना) की मुलाकात अचानक सोफी (राधिका आप्टे) से हो जाती है.

सोफी उसे अपने पापा के रेस्टॉरेंट मे काम दिला देती है. इसके बाद दोनों एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं, लेकिन इसी दौरान अचानक एक पुराने जमाने के मशहूर एक्टर प्रमोद सिन्हा (अनिल धवन) से टकरा जाते है.

वह अपनी पत्नी सिमी (तब्बू) को एनिवर्सिरी पर पियानो प्ले करके सरप्राइज देने के लिए आकाश को घर बुलाते हैं. यहां कुछ ऐसा ट्विस्ट एड टर्न आता है कि पूरी कहानी पलट जाती है.

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फिल्म में श्रीराम का हीरो एक अंधा म्यूजीशियन आकाश (आयुष्मान खुराना) है। यह फिल्म फ्रेंच शॉर्ट फिल्म ‘द पियानो ट्यूनर’ से प्रेरित है।

 

फिल्म को पुणे में शूट किया गया है। फिल्म की गति से सेट मेल नहीं खाता। इसे राघवन के साथ ही अर्जित विसवास, पूजा लोथा श्रुती, और योगेश चांदेकर ने लिखा है। यह फिल्म विविध भारती के छायागीत प्रोग्राम और दूरदर्शन के चित्रहार को श्रद्धांजलि देती है।

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