पुरस्कार लौटाने का सिलसिला फिर शुरू, सिद्धेश्वर स्वामी ने वापस किया पद्मश्री

नई दिल्ली: आध्यामिक गुरु सिद्धेश्वर स्वामी ने केंद्र सरकार को अपना पद्मश्री अवॉर्ड वापस कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिख कर उन्होंने इस बात की जानकारी दी है.

सिद्धेश्वर स्वामी

अपने पत्र में उन्होंने कहा कि वो एक सन्यासी हैं लिहाजा उन्हें अवॉर्ड्स ज्यादा पसंद नहीं आते. उन्होंने लिखा है कि उन्हें पद्म सम्मान मिला जिसके लिए वो भारत सरकार के शुक्रगुजार हैं लेकिन वो एक सन्यासी हैं और अवॉर्ड को ज्यादा पसंद नहीं करते.

सिद्धेश्वर स्वामी ने लौटाया पुरस्कार

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि वो इसे स्वीकार नहीं कर सकते. उम्मीद है सरकार उनके फैसले से खुश होगी.

इससे पहले, गणतंत्र दिवस के मौके पर पद्म पुरस्कारों का ऐलान हुआ था. भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म विभूषण’ प्रतिष्ठित शास्त्रीय गायक ग़ुलाम मुस्तफा खान को दिया गया. जबकि तीसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ राज्य के प्रसिद्ध सितार वादक अरविंद पारिख को मिला. दोनों अलंकरण कला और संगीत की श्रेणी में मिले.

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देश का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘पद्म श्री’ प्रसिद्ध डॉक्टर जोड़ी डॉक्टर अभय बंग और डॉक्टर रानी बंग (गड़चिरौली) को स्वास्थ्य की श्रेणी में दिया गया. जबकि, पुणे के विश्व प्रसिद्ध अरविंद गुप्ता को शिक्षा/साहित्य के क्षेत्र में विशेष योगदान देने के लिए, अभिनेता मनोज जोशी (मुम्बई) को कला/अभिनय तथा उद्योगपति रामेश्वरलाल काबरा (मुम्बई) को उद्योग/व्यापार की श्रेणी में पद्म श्री से सम्मानित किया गया.

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असैन्य क्षेत्र में असाधारण और विशिष्ट प्रदर्शन के लिए ‘पद्म विभूषण’, उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए ‘पद्म भूषण’ तथा विशिष्ट प्रदर्शन करने के लिए ‘पद्म श्री’ अलंकरण प्रतिवर्ष प्रदान किए जाते हैं.

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