उद्धव ठाकरे को फिर से मिला शिंदे की तरफ से एक बड़ा झटका 5000 करोड़ का ठेका हुआ रद्द

pragya mishra

ढाई साल में ही बिना कार्यकाल पूरा किए सत्ता गंवाने वाली महाविकास अघाड़ी को अब नई सरकार एक के बाद एक समस्या दे रही है। शिंदे-फडणवीस की सरकार ने उद्धव ठाकरे द्वारा लिए गए एक और फैसले को खत्म कर दिया है।

शिवसेना में विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई और एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री  के रूप में चुना गया। शिंदे को सपोर्ट करने वाली भाजपा भी सरकार में शामिल हो गई है और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बना दिया गया ।ढाई साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद सत्ता गंवाने वाली महाविकास अघाड़ी  सरकार को अब नई सरकार एक के बाद एक झटका दे रही है।  बता दें कि शिंदे-फडणवीस की सरकार ने उद्धव सरकार द्वारा लिए गए एक और फैसले को रद्द कर दिया है जिससे उद्धव सरकार को काफी बड़ा झटका लगा है।

महाराष्ट्र जल संरक्षण निगम जल संरक्षण विभाग के अधीन काम करता है।चल रही इस परियोजनाओं की पेंडिंग देनदारी 3,490 करोड़ रुपये थी। इसके बावजूद 1 अप्रैल से 31 मई 2022 के बीच 6,191 करोड़ रुपये की 4,324 नई योजनाओं को मंजूरी दे दी गई।जिसमें से 5,020 करोड़ 74 लाख रुपये की लागत वाले 4,037 काम विभिन्न स्तरों पर टेंडर पर हैं।नई सरकार ने टेंडर प्रक्रिया के विभिन्न स्तरों में 5,020.74 करोड़ रुपये के 4,037 कार्यों को रद्द करने का निर्णय  ले लिया है जिसमें सरकार ने आदेश में कहा है कि इनमें से किसी भी कार्य के लिए निविदाओं को अंतिम रूप नहीं दिया जाना चाहिए। जल संरक्षण विभाग ने कहा है कि कोई भी कार्य शुरू नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो चुकी है। इससे पहले नई सरकार ने मेट्रो कार शेड को कांजूर मार्ग की जगह आरे में शिफ्ट करने का फैसला किया था। साथ ही 567.8 करोड़ रुपये की नांदेड़ जिला योजना समिति का कार्य ठप कर दिया गया है।

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