अखिलेश और शरद यादव के बीच मुलाकात खत्म, शुरू हुई महागठबंधन की सुगबुगाहट
लखनऊ। फूलपुर और गोरखपुर उपचुनाव में मिली जीत के बाद 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनता दल (यूनाइटेड) के नेता शरद यादव से मुलाकात की। इस भेंट के दौरान दोनों नेताओं ने भाजपा के खिलाफ हाथ मिलाया। साथ ही महागठबंधन को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच अहम बातचीत हुई।
अखिलेश से मुलाक़ात के बाद शरद यादव ने एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि देश का संविधान खतरे में है। भाजपा के खिलाफ अब पार्टियों को एकजुट होने की जरूरत है, इसके बाद महागठबंधन बनेगा। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्र की वादाखिलाफी के चलते देश में किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे है।
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साथ ही उन्होंने नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि केंद्र की गलत योजनाओं के चलते रियल स्टेट जैसा धंधा चौपट हो गया। करोड़ों लोगों की नौकरी चली गई।
उन्होंने कहा, “ताजमहल में मंदिर मस्जिद की खोज में जुटे हैं। मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है। संविधान की रक्षा के लिए चारों तरफ घूम रहा हूं।”
शरद यादव ने पीएनबी महाघोटाले पर कहा कि नीरव मोदी, विजय माल्या और कोठारी के चलते देश के बैंकिंग जगत पर बुरा असर पड़ा है। उन्होंने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए कहा कि यहां प्रदेश के मुखिया मंदिरों का चक्कर लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री, मंन्त्री और सांसद संविधान के दायरे के बाहर जाकर बयानबाजी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गोरखपुर के साथ फूलपुर की लोकसभा सीट पर जीत के लिए समाजवादी पार्टी और बसपा के नेताओं का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्ष में सबसे ज्यादा असर गोरखपुर और फूलपुर के चुनाव का हुआ है।
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उन्होंने कहा ताजमहल में मंदिर मस्जिद की खोज में जुटे हैं। मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है। संविधान की रक्षा के लिये चारों तरफ घूम रहा हूं। गोरखपुर और फूलपुर में बीजेपी की हार के लिए सपा-बसपा नेताओं का अभिनंदन करता हूं।
बता दें शरद पवार लखनऊ में पिछड़ा, अल्पसंख्यक, दलित आदिवासी मंच के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे थे। बिहार के मुख्यमंत्री तथा जनता दल यूनाईटेड के अध्यक्ष नितीश कुमार से संबंध खराब होने के बाद से शरद यादव भी कोई मजबूत मंच तलाश रहे हैं। लिहाजा वे भी तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर सक्रिय हैं।
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