9/11 : जमींदोज हो गया था वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, 16 बरस बाद जानिए हमले से जुड़ी बड़ी बातें

नई दिल्ली। साल 2001 के सितंबर महीने की 11 तारीख, शायद ही किसी के जेहन से मिट पाएगी। इस तारीख को न्यूयॉर्क में हुए आतंकवादी हमले को आज 16 बरस हो चुके हैं। दुनिया पर धाक जमाने वाला अमेरिका उस समय थर्रा उठा जब न्यूयॉर्क की शान वर्ल्ड ट्रेड सेंटर को आतंकियों ने दो विमानों को मिसाइल की तरह उपयोग कर जमींदोज कर दिया था।

वर्ल्ड ट्रेड सेंटर

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बीते 16 बरस, जानिए उस मनहूस दिन से जुड़ी बातें

11 सितम्बर 2001 को सवेरे 19 अल कायदा आतंकवादियों ने चार वाणिज्यिक यात्री जेट एअरलाइनर्स का अपहरण कर लिया था।

अपहरणकर्ताओं ने जानबूझकर उनमें से दो विमानों को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, न्यूयॉर्क शहर के ट्विन टावर्स के साथ टकरा दिया, जिससे विमानों पर सवार सभी लोग तथा भवनों के अंदर काम करने वाले अन्य अनेक लोग भी मारे गए। दोनों भवन दो घंटे के अंदर ढह गए,पास की इमारतें नष्ट हो गईं और अन्य क्षतिग्रस्त हुईं। अपहरणकर्ताओं ने तीसरे विमान को बस वाशिंगटन डीसी के बाहर, आर्लिंगटन, वर्जीनिया में पेंटागन में टकरा दिया।

वर्ल्ड ट्रेड सेन्टर पर हुए हमले में मारे गए 2,977 पीड़ितों में से न्यूयॉर्क शहर तथा पोर्ट अथॉरिटी के 343 अग्निशामक और 60 पुलिस अधिकारी थे। पेंटागन पर हुए हमले में 184 लोग मारे गए थे। हताहतों में 90 देशों के नागरिकों  ने अपनी जान गंवाई।

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वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हुए आतंकी हमले की दसवीं बरसी पर एक ओर राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शपथ ली है कि अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में नहीं डगमगाएगा।

वहीं दूसरी ओर पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने कहा था कि अमेरिकी ‘9-11 और उस वक्त बहादुरी से काम लेकर देश की रक्षा करने वालों को कभी नहीं भूलेंगे।

हमले की वजह से 10 अरब की प्रॉपर्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर बर्बाद हो गया।

3.2 करोड़ वर्ग फुट ऑफिस स्पेस खत्म हो गया था।

सात दिनों के भीतर 1.4 लाख करोड़ अमेरिकी शेयर डूब गए थे।

अलकायदा के आतंकियों ने चार यात्री विमान अगुआ कर भारी तबाही मचाई। चार में से दो विमान न्यूयॉर्क शहर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर से टकरा गए। तीसरा पेंटागन पर और चौथा विमान जंगल में गिरा दिया गया। इस वहशीपन को अंजाम देने वाले 19 आतंकियों को मरना ही था।

जब मारा गया ओसामा

अफगानिस्तान में राष्ट्रपति बुश ने अपनी सेनाएं भेजी थीं, ताकि ओसामा और उसके साथियों का पता लगाया जा सके, लेकिन अरबों डॉलर फूंके जाने के बाद भी बुश खाली हाथ रहे। जहां-तहां मले किए जा रहे हैं, लेकिन यह भी पता नहीं था कि ओसामा जिंदा है या मारा गया। लेकिन आखिर नए राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उसे ढूंढ लिया और पाकिस्तान के एबटाबाद में एक गुप्त कार्रवाही में उसे ढेर कर दिया गया।

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