SC ने लोन मोराटोरियम की अवधि के ब्याज पर ब्याज को माफ की मांग को लेकर दायर याचिका पर की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोराटोरियम की अवधि के ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई की। समाचार एजेंसी एएनआई के एक ट्वीट के मुताबिक सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता न्यायालय में केंद्र सरकार का पक्ष रख रहे हैं। सॉलिसिटर जनरल मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि बैंकिंग सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। हम ऐसा कोई भी निर्णय नहीं कर सकते हैं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था कमजोर हो।
सुप्रीम कोर्ट अब 10 सितंबर को इस मामले पर आगे सुनवाई करेगा। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अगुवाई वाली पीठ ने गुरुवार को इस मामले दायर विभिन्न याचिकाओं को सुनने के बाद अगली तारीख तय की।
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इससे पहले बुधवार को वकील राजीव दत्ता ने याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखते हुए ब्याज पर ब्याज को दोहरा झटका देने वाला बताया था। दत्ता ने ब्याज पर ब्याज को प्रथम दृष्टया गलत करार दिया था। रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़े संगठन क्रेडाई की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर्यमान सुंदरम ने अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि कर्ज लेने वालों पर दंडात्मक ब्याज लगाना सही नहीं है। उन्होंने आने वाले समय में इस वजह NPAs में बढ़ोत्तरी की आशंका प्रकट की थी।
दत्ता ने बुधवार को कहा था, ”RBI Scheme (मोराटोरियम) लेकर आया और हमने सोचा कि हमें मोराटोरियम की अवधि के बाद EMI जमा करना होगा लेकिन बाद में हमें बताया गया कि चक्रवृद्धि ब्याज लिया जाएगा। ब्याज पर ब्याज देना हमारे लिए दोहरे झटके की तरह है।”