SBI ने अपने ग्राहकों को दी बड़ी खुशखबरी ! तीसरी बार घटी ब्याज दर…

भारत का सबसे बड़ा बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने एक बार फिर रेट घटा कर रख दिया हैं. वहीं देखा जाये तो एसबीआई ने इसमें 10 बेसिस पॉइंट की कटौती कर दी हैं. जहां देखा जाये तो 10 सितम्बर में इसका कोई लाभ नहीं हैं.
खबरों के मुताबिक 10 सितंबर से एक साल के लिए एसबीआई एसीएलआर 8.15 फीसदी होगा. इस वित्त वर्ष 2019-20 में एसबीआई ने लगातार तीसरी बार एमसीएलआर में कटौती की है.वहीं इसके अलावा एसबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट यानी एफडी पर ब्याज दरों में 20 से 25 बेसिस प्वाइंट यानी करीब चौथाई फीसदी की कटौती कर दी है.

MCLR का मतलब होता है मार्जिन कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट और यह असल में बैंक की फंड की अपनी लागत पर आधारित होता है. यानी जब बैंक की फंड की लागत घटती है तो वह एमसीएलआर को घटा देता है.

MCLR घटने से होम लोन ब्याज दर या ईएमआई पर तत्काल कोई असर नहीं होगा. जहां असल में एसबीआई की फ्लोटिंग रेट होम लोन इस एक साल के एमसीएलआर से जुड़ा होता है और इसमें एक साल के लिए रेट तय होता है.

दरअसल एसबीआई की होम लोन और ऑटो लोन बाजार में क्रमश: 35 फीसदी और 36 फीसदी की हिस्सेदारी है. लेकिन लगातार अपील के बाद हाल में  भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकों को सभी लोन रेपो रेट से जोड़ने का निर्देश दिया है.
देखा जाये तो RBI ने सभी बैंकों को 1 अक्टूबर से रेपो रेट के साथ होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन और एमएसएमई सेक्टर के सभी प्रकार के लोन को जोड़ने के लिए कहा है.पिछले कुछ महीनों से केंद्रीय बैंक लगातार सभी सरकारी और प्राइवेट बैंको से रेपो रेट के साथ बैंक लोन को जोड़ने के लिए कह रहा था. लेकिन कई बैंक RBI की अपील को नरअंदाज कर रहे थे.
जिसके बाद केंद्रीय बैंक को डेडलाइन के साथ निर्देश देना पड़ा है. इसके अलावा आरबीआई ने रेपो जैसे बाहरी बेंचमार्क के तहत ब्याज दरों में 3 महीने में कम से कम एक बार बदलाव करने को कहा है.
LIVE TV