

लेकिन फिलहाल यह साफ नहीं है कि पड़ोसी देश ने यह झूठा डोजियर क्यों सौंपा लेकिन भारतीय अधिकारियों के अनुसार इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। जिसमें भारत का लगातार पाकिस्तान के सामने करतारपुर कॉरिडोर को लेकर चिंता जाहिर करना एक कारण हो सकता है।
दरअसल भारत ने पाक से कहा है कि वह खालिस्तानी समर्थकों द्वारा इस कॉरिडोर के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए सख्त कदम उठाए। हो सकता है इसी बात से ध्यान भटकाने के लिए उसने यह डोजियर सौंपा हो। पिछले हफ्ते करतारपुर कॉरिडोर पर भारत-पाक के अधिकारियों की बातचीत हुई थी लेकिन बैठक में उसने सारी शर्तें मानने से इनकार कर दिया था। चार सितंबर को हुई इसी बैठक के दौरान नापाक हरकत करते हुए पाकिस्तान ने यह डोजियर सौंपा था।
जहां भारत ने एक बार फिर अलगाववादी तत्वों की गतिविधियों को लेकर अपनी चिंता जाहिर की थी। वहीं इस डोजियर का दूसरा कारण कश्मीर मामले पर अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत को निशाना बनाना भी हो सकता है।
वहीं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) और संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान कश्मीर मुद्दा उठा सकता है। यूएनएचआरसी में पाकिस्तान तथाकथित भारतीय अत्याचारों पर एक प्रस्ताव पेश कर सकता है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मसले पर भारत का समर्थन करने के लिए कई सदस्य देशों से बात की है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान घाटी में अपनी आतंकी गतिविधियों और संभावित आतंकी हमलों को छुपाने के लिए इस डोजियर को एक स्रोत के रूप में इस्तेमाल कर सकता है। देखा जाये तो पाकिस्तान भारतीय अधिकारियों पर आरोप लगाता रहा है कि वह कश्मीर के मानवाधिकार मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान पर झूठे आरोप लगाते हैं।