राफेल पर कांग्रेस के आरोपों का जेटली ने दिया तर्कसंगत जवाब, आरोपों पर लग सकता है ब्रेक!

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को राफेल सौदे पर कांग्रेस के आरोपों को पूरी तरह गलत करार दिया और कहा कि विमान की मूल कीमत, जिसपर लड़ाकू विमानों को खरीदा गया है, वह संप्रग सरकार द्वारा किए गए करार से नौ फीसदी कम है।

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जेटली ने एक ब्लॉगपोस्ट में कांग्रेस पर इस सौदे में करीब एक दशक की देरी का आरोप लगाया, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि वे रक्षा खरीद में और देरी के लिए मुद्दों को उठा रहे है, ताकि भारत की रक्षा तैयारी को और जूझान पड़े।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने लड़ाकू विमानों के लिए अधिक राशि भुगतान करने, एक उद्योगपति का पक्ष लेने और सार्वजनिक क्षेत्र के हितों के साथ समझौता करने को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ झूठा अभियान चला रखा है।

जेटली ने कहा, “ये सभी मुद्दे केवल और केवल झूठ पर आधारित हैं। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों और उनके जिम्मेदार राजनेताओं से इस प्रकार की उम्मीद की जाती है कि वे रक्षा लेनदेन पर जनता के बीच जाने से पहले तथ्यों की जांच कर लें।”

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उन्होंने कहा, “कीमत और प्रक्रिया पर गांधी और कांग्रेस द्वारा बोले गए सभी तथ्य पूरी तरह झूठे हैं।”

मंत्री ने कहा, “संप्रग एक ऐसी सरकार थी, जो निर्णय लेने की निर्बलता से जूझ रही थी। क्या आप मानेंगे कि एक दशक से ज्यादा की देरी केवल और केवल संप्रग सरकार की अक्षमता और हिचकिचाहट की वजह से हुई?”

जेटली ने कहा, “क्या इस देरी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ गंभीर समझौता नहीं किया? क्या हमारी सेनाओं को लक्ष्य की पहचान कर और हमला करने के लिए मध्यम बहु-भूमिका वाले लड़ाकू विमानों की आवश्यकता नहीं है, विशेषकर उस स्थिति में जब हमारे दोनों पड़ोसी इस क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ा चुके हैं?”

जेटली ने सवाल किया, “क्या संप्रग की तरफ से यह विलंब और उसके बाद खरीद को टाल देना उस घटना पर आधारित था, जो इसके पहले 155 मिमी के बोफोर्स तोप की खरीद जैसे लेनदेन में देखने को मिली थी?”

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मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और उसके अध्यक्ष राहुल गांधी को राफेल सौदे से जुड़े तथ्यों की जानकारी नहीं है।

उन्होंने कहा, “कैसे गांधी ने अप्रैल व मई में दिल्ली और कर्नाटक में प्रत्येक विमान की कीमत 700 करोड़ रुपये बताई थी? संसद में उन्होंने कीमत घटाकर 520 करोड़ प्रति विमान कर दी, रायपुर में उन्होंने इसे बढ़ाकर 540 करोड़ रुपये कर दिया। जयपुर में उन्होंने एक ही भाषण में 520 और 540 करोड़ रुपये कीमत बताया था।”

उन्होंने पूछा, “सच का केवल एक रूप होता है और झूठ के कई। क्या ये आरोप राफेल की खरीद से जुड़े तथ्यों की जांच किए बिना लगाए गए हैं।”

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