स्कूल की दीवारों पर सियासी रंग का साया, क्या यही है बदलता यूपी!

रिपोर्ट- मनोज त्रिपाठी

प्रतापगढ़। सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद से ही यूपी में काफी कुछ बदल गया है। और धीरे-धीरे सब कुछ भगवा रंग में रंगा जा रहा है। चाहे वह सरकारी बस हो, इमारत हो, स्कूल बैग हो या सरकारी स्कूल सभी का कलर भगवा किया जा रहा है।

योगी आदित्यनाथ

हालांकि, सियासत के बाद भगवा रंग मे रंगे कई प्राथमिक विद्यालयों से भगवा कलर हटा लिया गया था। लेकिन प्रतापगढ़ में कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के विधानसभा क्षेत्र पट्टी के प्राथमिक विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों, आंगनबाड़ी केंद्रों और बीआरसी केंद्र की दीवारों को अब भगवामय कर दिया गया है।

सियासत के इस खेल की तस्वीरें कैमरे में कैद हुई। भगवामय विद्यालय औऱ आंगनबाड़ी केंद्र के प्रांगड़ में कुछ बच्चों द्वारा सुखी रोटी खाने और गंदे कपड़े पहनने वाली तस्वीरे सूबे के मुखिया को आइना दिखाने के लिए काफी है।

यह हाल है सूबे के क़द्दावर कैबिनेट मंत्री मोती सिंह के विधानसभा क्षेत्र पट्टी के आसपुर देवसरा प्राथमिक विद्यालय का।

जहां पढाई भले ही निम्न स्तर पर होती हो। लेकिन राजनीति तो उच्च कोटि की होती है। शायद यही वजह है कि इलाके के आसपुर देवसरा प्राथमिक विद्यालय, माध्यमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्रों के अलावा बीआरसी केद्रों के साथ ही शौचालय तक की दीवारों को भगवा रंग में कलर किया गया है।

जबकि शौचालय के दरवाजे टूटे हुए नजर आ रहे हैं और निष्प्रयोज्य भी है। खास बात यह है कि जिस आँगनबाड़ी को भगवा कलर करवाने में सरकार लाखो रुपये खर्च कर रही है। उसी प्रांगड़ में भारत के भविष्य कहे जाने वाले मासूम बच्चे सुखी रोटी खाने और गंदे कपड़े पहनने को मजबूर हैं।

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ऐसा नहीं की आंगन बाड़ी केंद्र पर पुष्टाहार की कमी है। यहाँ बोरियो में भरकर पुष्टाहार रखा है। बावजूद इसके मासूमों द्वारा सुखी रोटी खाने की कैमरे में कैद तस्वीरे सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ को आइना दिखाने के लिए काफी है कि सूबे के सरकारी स्कूलो को भगवा रंग से ज्यादा जरूरत अच्छी शिक्षा और साफ सुथरे भोजन की है।

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भगवा कलर में रंगे जा रहे विद्यालय की इलाके में आलोचना शुरू हो गई है। बावजूद इसके सम्बन्धित अधिकारी चुप्पी साधे हुए है। और इस मामले में कैबिनेट मंत्री मोती सिंह भी कुछ बोलने को तैयार नहीं है।

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