भारत से पहले पाकिस्तान के लिए खेले थे सचिन तेंदुलकर, मास्टर-ब्लास्टर की ज़िन्दगी से जुड़े दिलचस्प किस्से
क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले मास्टर-ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) आज अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। सचिन तेंदुलकर के नाम क्रिकेट के टेस्ट और वनडे फॉर्मेट में सबसे ज्यादा रनों का रिकॉर्ड है। टेस्ट में जहां सचिन के बल्ले से 15921 रन निकले हैं वहीं वनडे में उनके नाम 18,426 रन हैं. क्रिकेट का कोई भी बल्लेबाज सचिन के आस-पास भी नहीं है। महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के नाम बल्लेबाजी का शायद ही कोई रिकॉर्ड ना रहा हो। सचिन महान क्रिकेटर होने के बावजूद सचिन काफी शालीन हैं।
आइए आपको बताते हैं कुछ सचिन के जीवन से जुड़े कुछ सच जिसे जानकार आप रह जाएंगे हैरान:
- 1990 में मैनचेस्टर में सचिन ने जब अपना पहला टेस्ट शतक बनाया था, तब उन्हें उपहार में एक मैग्नम शैंपेन की बोतल दी गई थी। लेकिन वह इसे नहीं खोल सके क्योंकि ब्रिटिश नियमों के कारण 18 साल से कम उम्र के लोगों को ऐसा करने की अनुमति नहीं थी। सचिन ने 8 साल इंतजार करना चुना और 1998 में अपनी बेटी सारा के पहले जन्मदिन पर इसे पॉप किया।
- लिटिल मास्टर सचिन तेंदुलकर थर्ड अंपायर से आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे। दक्षिण अफ्रीका में 1992 की टेस्ट श्रृंखला में सचिन तेंदुलकर तीसरे अंपायर कार्ल लिबेनबर्ग द्वारा आउट दिये जाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे। रवि शास्त्री के साथ क्रीज़ पर टिके सचिन जब रन लेने के लिए दौड़े, तो अपने ज़माने के महान फील्डर जोंटी रोड्स ने सीधे स्टंप्स पर थ्रो कर दिया। इसके बाद स्क्वायर लेग अंपायर सिरिल मिचली तीसरे अंपायर कार्ल लिबेनबर्ग के पास गये, जिन्होंने लाल बत्ती दबा दी और सचिन 11 के स्कोर पर आउट हो गए।
- शाहिद अफरीदी ने मास्टर ब्लास्टर सचिन के बल्ले से सबसे तेज शतक बनाया था। 1996 को 16 साल के अफरीदी ने श्रीलंका के खिलाफ 37 गेंदों में सबसे तेज एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय शतक बनाया था। अफरीदी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि मैच से पहले उनके टीम के साथी खिलाड़ी वकार यूनुस ने नेट अभ्यास के दौरान दिया था और कहा था कि, इसके साथ खेलो, यह सचिन का बल्ला है।
- 1989 में 16 वर्षीय मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना पहला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच खेला था। लेकिन आपको ये जानकार हैरानी होगी कि भारत से पहले पाकिस्तान के लिए सचिन तेंदुलकर मैदान में उतरे थे। दरअसल, 20 जनवरी 1987 को भारत और पाकिस्तान के बीच एक प्रदर्शनी मैच खेला गया था। इस दौरान तेंदुलकर को इमरान खान की टीम के लिए एक स्थानांतरित क्षेत्ररक्षक के रूप में भेजा गया था। सचिन ने इस घटना को अपनी किताब “प्लेइंग इट माई वे” में लिखा है।