राजीव गांधी हत्याकांड में शामिल एस. नलिनी की रिहाई याचिका खारिज

चेन्नई| मद्रास उच्च न्यायालय ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोष में उम्रकैद की सजा काट रही एस. नलिनी द्वारा समय से पूर्व रिहाई के लिए दाखिल याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। अदालत ने सर्वोच्च न्यायालय में एक लंबित मामले का हवाला देकर याचिका खारिज कर दी। नलिनी ने जेल में 25 वर्ष से ज्यादा बिताने के बाद अपनी याचिका में समय से पूर्व रिहाई की मांग की थी।

एस. नलिनी

अपनी याचिका में, उसने कहा, “संविधान के अनुच्छेद 161 के अंतर्गत राज्यपाल को क्षमादान देने और कैदी को रिहा करने की शक्ति है।” उसने याचिका में राज्य सरकार को उसे रिहा करने के संबंध में आदेश देने का आग्रह किया है।

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नलिनी की याचिका का तमिलनाडु सरकार ने भी सर्वोच्च न्यायालय में मामला लंबित होने की वजह से विरोध किया है। नलिनी को एक विशेष अदालत ने 21 मई, 1991 को चेन्नई के श्रीपेरम्बुदूर में राजीव गांधी की हत्या में संलिप्तता की वजह से मृत्युदंड की सजा सुनाई थी।

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दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री की पत्नी और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नलिनी की बेटी की खातिर उसपर रहम करने का आग्रह किया था, जिसके बाद नलिनी की सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था। भारतीय महिला नलिनी को राजीव गांधी की हत्या करने वाली श्रीलंकाई आत्मघाती महिला का साथ देने का दोषी पाया गया था।

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