अच्युत पोतदार का निधन: ‘3 इडियट्स’ के प्रोफेसर की भूमिका से बने थे घर-घर में मशहूर, 91 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा

हिंदी और मराठी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता अच्युत पोतदार का 18 अगस्त 2025 को ठाणे, महाराष्ट्र में 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह राजकुमार हिरानी की ब्लॉकबस्टर फिल्म 3 इडियट्स में सख्त लेकिन प्रिय प्रोफेसर की भूमिका और उनके मशहूर डायलॉग “अरे, कहना क्या चाहते हो?” के लिए जाने जाते हैं, जो सोशल मीडिया पर मीम्स के रूप में आज भी लोकप्रिय है।

निधन और अंतिम संस्कार

अच्युत पोतदार को स्वास्थ्य समस्याओं के कारण ठाणे के जूपिटर हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था। उनकी मृत्यु का सटीक कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में उम्र-संबंधी बीमारियों का उल्लेख किया गया है। उनका अंतिम संस्कार 19 अगस्त 2025 को ठाणे में किया गया। मराठी चैनल स्टार प्रवाह ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल पर उनके निधन की पुष्टि करते हुए श्रद्धांजलि दी, जिसमें लिखा, “वरिष्ठ अभिनेता अच्युत पोतदार को हार्दिक श्रद्धांजलि… उनकी मुस्कान, सादगी और हर भूमिका में ईमानदारी हमेशा याद रहेगी।”

करियर और उपलब्धियाँ

जबलपुर, मध्य प्रदेश में 22 अगस्त 1934 को जन्मे अच्युत पोतदार का करियर विविध और प्रेरणादायक रहा। उन्होंने अर्थशास्त्र में गोल्ड मेडल के साथ स्नातकोत्तर किया और रीवा, मध्य प्रदेश में प्रोफेसर के रूप में काम किया। इसके बाद उन्होंने भारतीय सेना में कप्तान के रूप में सेवा की और 1967 में रिटायर हुए। बाद में, उन्होंने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन में 25 वर्षों तक काम किया और 1992 में रिटायर हुए। 44 वर्ष की आयु में, उन्होंने अभिनय में कदम रखा, जो शुरू में उनका शौक था, लेकिन जल्द ही यह उनकी पहचान बन गया।

अच्युत ने 125 से अधिक हिंदी और मराठी फिल्मों में काम किया, जिनमें आक्रोश, अर्ध सत्य, तेज़ाब, परिंदा, रंगीला, वास्तव, हम साथ-साथ हैं, परिणीता, लगे रहो मुन्ना भाई, और दबंग 2 जैसी फिल्में शामिल हैं। 3 इडियट्स (2009) में उनके प्रोफेसर के किरदार ने उन्हें व्यापक लोकप्रियता दिलाई, खासकर उनके डायलॉग “क्या बात है” और “कहना क्या चाहते हो?” ने दर्शकों का दिल जीता और सोशल मीडिया पर मीम्स का हिस्सा बने।

टेलीविजन पर भी उन्होंने वागले की दुनिया, माझा होशील ना, मिसेज तेंदुलकर, और भारत की खोज जैसे लोकप्रिय धारावाहिकों में अपनी छाप छोड़ी। उनकी बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें थिएटर, टेलीविजन, और सिनेमा में समान रूप से सम्मान दिलाया। 2021 में, उन्हें माझा होशील ना में ‘अप्पा’ की भूमिका के लिए ज़ी मराठी का जीवन गौरव पुरस्कार मिला। 2015 में, इंदौर के सांस्कृतिक समूह सानंद ने उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया।

फिल्म इंडस्ट्री की प्रतिक्रिया

अच्युत पोतदार के निधन से हिंदी और मराठी मनोरंजन उद्योग में शोक की लहर है। फिल्म निर्माता हंसल मेहता ने X पर लिखा, “मैं उनके अंगार में जग्गू दादा के पिता के किरदार का प्रशंसक था। ‘ए जग्गू’ डायलॉग ने मुझे उनका स्थायी प्रशंसक बना दिया। मेरे निर्देशकीय डेब्यू जयते में उन्हें निर्देशित करना सौभाग्य की बात थी।”

विरासत

अच्युत पोतदार की सादगी, समर्पण और हर भूमिका में प्रामाणिकता ने उन्हें दर्शकों और सहकर्मियों के बीच सम्मानित बनाया। सेना, शिक्षा, और कॉर्पोरेट जगत से लेकर अभिनय तक का उनका सफर प्रेरणादायक है। उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी।

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