…ये 10 बातें पीएम मोदी की ‘रो-रो फेरी सेवा’ को बनाती हैं ख़ास

रो-रो फेरी सेवाभावनगर (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को घोघा-दहेज रो-रो फेरी सेवा के पहले चरण का शुभारंभ किया। यह भारत में अपनी तरह का पहला प्रॉजेक्ट है। प्रधानमंत्री ने इसे पूरे ‘दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए महत्वपूर्ण अवसर’ करार दिया।

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इसे अपना ड्रीम प्रॉजेक्ट बताते हुए मोदी ने कहा कि फेरी सेवा उनकी ओर से ‘भारत के लिए अमूल्य उपहार’ है और उन्होंने दावा किया कि दक्षिण-पूर्व एशिया के लिए यह अपनी तरह का पहला प्रॉजेक्ट है।

बता दें रो-रो सर्विस का पूरा नाम रोल ऑन-रोल ऑफ सर्विस है, जिसे घोघा से दाहेज के बीच शुरु किया गया है।

घोघा सौराष्ट्र के भावनगर में है, जबकि दाहेज दक्षिणी गुजरात के भरूच में है। इन्हीं दोनों जिलों के बीच ये सेवा शुरू की गई है।

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आइए जानते हैं रो-रो फेरी सेवा की 10 खासियतों के बारे में…

  1. इससे पहले एक निजी कंपनी ने 2016 में द्वारका के ओखा औक कच्छ के मांडवी के बीच लोगों को लाने-ले जाने के लिए फेरी सर्विस शुरू करने की योजना बनाई थी, लेकिन तकनीकी और आर्थिक वजहों से योजना बंद करनी पड़ी।
  2. इसमें एक ओर का किराया लगभग 600 रुपये होगा।
  3. बोट के लिए टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों ही मिलेंगे। इसके लिए भावनगर से पिक-अप प्वाइंट, प्री-बुकिंग, ऑनलाइन बुकिंग शुरू होगी।
  4. सबसे पहले 1960 के दशक में इस रूट पर फेरी सर्विस शुरू करने का आइडिया कांग्रेस सरकार के दिमाग में आया था। उसके 52 साल बाद 2012 में नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए इस योजना की आधार शिला रखी गई, जिसे गुजरात मेरिटाटम बोर्ड ने तैयार किया है।
  5. सौराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के बीच सड़क मार्ग की दूरी 360 किमी है, रो-रो सर्विस से ये दूरी 31 किमी की हो जाएगी।
  6. अभी तक इस दूरी को तय करने में 7 से 8 घंटे का वक्त लगता है, जो इस सर्विस के शुरू होने के बाद 1 घंटे ही रह जाएगा।
  7. सौराष्ट्र और दक्षिणी गुजरात के बीच हर रोज लगभग 12000 लोग यात्रा करते हैं।
  8. पहले फेज की लागत करीब 614 करोड़ रुपये है।
  9. 117 करोड़ रुपये केंद्र सरकार ने सागरमाला परियोजना के तहत दिए हैं, जिससे घोघा और दाहेज के समुद्री तट पर तलछट की सफाई की जा सके।
  10. एक बार में फेरी बोट 500 से अधिक लोगों के साथ 100 गाड़ियां लेकर जा सकेगी, जिसमें कार, बस और ट्रक शामिल हैं। पहले फेज में सिर्फ लोग ही आ-जा सकेंगे। जनवरी 2018 के अंत तक दूसरा फेज बनने के बाद ही गाड़ियां और सामान ले जाया जा सकेगा।

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