नोटबंदी पर जारी RBI डेटा ने ही खोल दी सारी पोलपट्टी, बौखलाए रह गए पीएम मोदी शर्मिंदा हो गया रिजर्व बैंक!

भारतीय रिजर्व बैंकनई दिल्ली। आरबीआई यानी भारतीय रिजर्व बैंक ने नोटबंदी के आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों को देखने वाले सन्न रह गए। जिस बात को विपक्ष इतने दिनों से सत्ता पक्ष के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा था। वह हकीकत बनकर सामने आ गई। जारी हुए इन आंकड़ों पर कांग्रेस नेता पी. चितंबरम ने मोदी सरकार को जमकर निशाने पर लिया और आरबीआई की भी कड़े शब्दों में निंदा की।

RBI की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के अनुसार 1000 रुपए के कुल 670 करोड़ नोटों में से 8.9 करोड़ नोट वापस नहीं आए हैं।

इस तरह से यह कहा जा सकता है कि सिर्फ 1000 रुपए के नोटों में ही 8.9 हजार करोड़ रुपए वापस नहीं आए हैं।

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आरबीआई का डेटा सामने आने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने पलटवार किया है। उन्होंने आरबीआई पर निशाना साधा है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी। चिदंबरम ने ट्वीट करके बताया कि नोटबंदी में चलन से बाहर किए गए 15,44,000 करोड़ रुपये के नोट में से 16,000 करोड़ रुपये के नोट वापस नहीं आए। ये करीब एक फीसदी है। ऐसे में आरबीआई को शर्म आनी चाहिए जिसने नोटबंदी की अनुशंसा की।

पी. चिदंबरम ने अगले ट्वीट में कहा कि नोटबंदी के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने 16,000 करोड़ हासिल किए, लेकिन 21,000 करोड़ रुपये नए नोट छपवाने में खर्च किए। ऐसे अर्थशास्त्री नोबल पुरस्कार के योग्य हैं।

पी. चिदंबरम ने आगे कहा कि 99 फीसदी नोट कानूनी तौर पर बदले गए! क्या नोटबंदी ऐसी योजना थी जिसके जरिए काले धन को सफेद में बदलने की योजना बनाई गई थी?

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बता दें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवम्बर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया था। उनका दावा था कि उनके इस कदम से सरकार कालाधन पर नकेल कसने में कामयाब होगी। इसके तहत पुराने 500 और 1000 के नोट को अमान्य घोषित करते हुए नए 500 और 2000 के नोट सर्कुलेट करने के निर्देश दी गए थे।

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