RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की प्रेस कॉन्फ्रेंस: देश को मंदी से निपटने के लिए दिए जरुरी दिशा-निर्देश…

भारत में कोरोना नामक महामारी के बीच भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह ये देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। यही हाल रहा तो लॉकडाउन बढ़ने के साथ अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान हो रहा है। उन्होंने कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित कर रहे हैं।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास Download Amar Ujala App for Breaking News in Hindi & Live Updates. https://www.amarujala.com/channels/downloads?tm_source=text_share

आरबीआई कोरोना वायरस को लेकर सतर्क है। रिजर्व बैंक इसकी करीब से निगरानी कर रहा है। 2020 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी मंदी का साल है।

गवर्नर ने बाताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 4.4 फीसदी पर स्थिर है।

रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी कर दी गई।

टीएलटीआरओ के जरिए आरबीआई सिस्टम में 50,000 करोड़ रुपये डालेगा।

आरबीआई ने नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपये, SIDBI को 25 हजार करोड़ रुपये और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) को 10 हजार करोड़ देने का एलान किया है।

देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। हालांकि, मार्च में देश के निर्यात के हालात बेहद खराब रहे हैं। फॉरेक्स रिजर्व अभी 476.5 अरब है।

G-20 देशों में भारत की स्थिति बेहतर रहेगी।

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान है।

देश में बैंकिंग कारोबार सामान्य बनाए रखने की कोशिश जारी है। वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की है। देश में 91 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं।

भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने की उम्मीद है।

मार्च में सर्विसेज पीएमआई में गिरावट दर्ज की गई।

लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र में बुवाई की स्थिति बेहतर रही है।

भागदौड़ भरी जिंदगी से ऊब गए हैं तो एक बार आइए बिनसर में…

इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एलान किया था कि रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई है और ये 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दी गई है। साथ ही आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को सलाह दी थी कि वे अगले तीन महीने तक ग्राहकों को ईएमआई में राहत दें।

 

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