यूपी में राशन कार्ड घोटाला: CBDT डेटा मिलान से 5 लाख से ज्यादा अपात्र लाभार्थी बेनकाब, सरकार ने सख्त कार्रवाई का ऐलान

उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का पर्दाफाश हुआ है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के डेटा के आधार पर की गई जांच में 5 लाख से अधिक अपात्र व्यक्तियों के नाम राशन कार्ड धारकों की सूची में पाए गए।

ये लोग गलत तरीके से सब्सिडी वाले अनाज का लाभ उठा रहे थे, जबकि वे पात्रता मानदंडों पर खरे नहीं उतरते। सरकार ने इन अपात्र राशन कार्डों को रद्द करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है, ताकि वास्तविक जरूरतमंदों तक लाभ पहुंचे।

यह खुलासा खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के विशेष सत्यापन अभियान के दौरान हुआ, जहां CBDT, आधार, बैंक खातों और अन्य सरकारी डेटाबेस का मिलान किया गया। अपात्र श्रेणी में वे लोग शामिल हैं जिनकी वार्षिक आय 2 लाख रुपये (ग्रामीण) या 3 लाख रुपये (शहरी) से अधिक है, सरकारी कर्मचारी, चार-पहिया वाहन मालिक, टैक्सपेयर या जिनके पास 5 एकड़ से अधिक सिंचित भूमि है। 2024-25 में अब तक यूपी में 8.41 लाख राशन कार्ड रद्द किए जा चुके हैं, और 2025 में 6 लाख से ज्यादा नाम कटने की प्रक्रिया चल रही है।

जांच का दायरा और आंकड़े

CBDT डेटा से मिलान के बाद पता चला कि कई परिवारों में डुप्लिकेट एंट्रीज, मृतक व्यक्तियों के नाम या स्थानांतरित लोगों के कार्ड सक्रिय थे। यूपी में कुल 15 करोड़ से ज्यादा राशन कार्ड धारक हैं, जिनमें से 20% से अधिक संदिग्ध पाए गए। विशेष रूप से प्रतापगढ़, बरेली और शाहजहांपुर जैसे जिलों में सबसे ज्यादा मामले सामने आए, जहां डुप्लिकेट लाभार्थी (जैसे पति-पत्नी दोनों को लाभ) की संख्या अधिक है। राष्ट्रीय स्तर पर 2024-25 में 2.12 करोड़ से अधिक अपात्र लाभार्थी हटाए गए, जिसमें यूपी का बड़ा हिस्सा है।

आधार-सीडिंग के जरिए 93 लाख फर्जी राशन कार्ड पूरे देश से हटाए गए, जिसमें यूपी में सबसे ज्यादा 93.78 लाख शामिल हैं। ई-केवाईसी में लापरवाही के कारण बहरीच जैसे जिलों में 1.93 लाख यूनिट्स होल्ड पर हैं, जहां नवाबगंज (9,855), विश्वेश्वरगंज (11,491) और अन्य क्षेत्रों में सत्यापन बाकी है।

सरकार की योजना: अपात्रों पर कार्रवाई, पात्रों को लाभ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार ने सख्त निर्देश जारी किए हैं कि 30 सितंबर 2025 तक सभी अपात्र नाम हटाए जाएं। डुप्लिकेट या मृतक लाभार्थियों का क्षेत्रीय सत्यापन कराया जा रहा है। दोषी डीलरों पर 19,410 कार्रवाइयां हो चुकी हैं, जिसमें यूपी में 13,905 शामिल हैं।

नए नियमों के तहत वार्षिक आय 2.5 लाख से अधिक वालों को राशन कार्ड से बाहर किया जाएगा। यह अभियान NFSA (नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट) को मजबूत करेगा, जहां 76 करोड़ लाभार्थी हैं।

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