इंडिगो संकट: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र पर फटकार लगाई, ’40 हजार का टिकट कैसे? स्थिति बिगड़ने दिया’, क्यों अन्य एयरलाइंस को फायदा उठाने दिया?

इंडिगो के परिचालन संकट के बीच बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया जताई। हाईकोर्ट ने पूछा कि उड़ान रद्दीकरण के कारण टिकट कीमतें 35,000-39,000 रुपये तक कैसे पहुंच गईं? कोर्ट ने कहा, “ऐसी स्थिति क्यों बनी? यात्रियों की मदद के लिए क्या कदम उठाए गए? अगर संकट था तो अन्य एयरलाइंस को फायदा उठाने की इजाजत क्यों दी गई?”

यह टिप्पणी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान आई, जिसमें इंडिगो की रद्द उड़ानों से प्रभावित यात्रियों को सहायता और रिफंड देने की मांग की गई थी। कोर्ट ने केंद्र से तत्काल कदमों का जवाब मांगा और मामले को गंभीर बताते हुए आगे की सुनवाई तय की।

इंडिगो संकट का पृष्ठभूमि: रद्द उड़ानों से लाखों फंसे

2 दिसंबर से शुरू हुए संकट ने पूरे देश को हिला दिया। नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के दूसरे चरण (1 नवंबर से लागू) के कारण पायलट थकान और क्रू शॉर्टेज हुआ, जिससे 5,000 से अधिक उड़ानें रद्द हो चुकी हैं। दिल्ली में 5 दिसंबर को सभी घरेलू प्रस्थान रद्द हो गए, जिससे 235 उड़ानें प्रभावित हुईं। मंगलवार को भी दिल्ली (134) और बेंगलुरु (127) में सैकड़ों रद्द हुईं। लाखों यात्री फंसे, होटल और कैब की व्यवस्था करनी पड़ी। इंडिगो ने 827 करोड़ रुपये रिफंड दिए, लेकिन 9,000 में से 4,500 बैग ही लौटे।

किराया आसमान छूने का कारण: अन्य एयरलाइंस का ‘अवसरवाद’

संकट के कारण इंडिगो की 65% बाजार हिस्सेदारी वाले रूट्स पर अन्य एयरलाइंस (एयर इंडिया, स्पाइसजेट) की मांग बढ़ी, जिससे किराए में 5-10 गुना उछाल आ गया। दिल्ली-मुंबई का किराया 20,000 से 48,000-80,000 रुपये, दिल्ली-बेंगलुरु 40,000-80,000 रुपये और हैदराबाद-मुंबई 70,000-90,000 रुपये पहुंच गया। कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि ऐसी ‘अवसरवादी कीमतों’ को रोकने के लिए क्या किया? सरकार ने 4 दिसंबर से किराया कैप लगाया (500 किमी तक 7,500 रुपये, 1,500 किमी से अधिक पर 18,000 रुपये), लेकिन देरी से।

कोर्ट की सुनवाई: सुप्रीम कोर्ट ने भी जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार किया, लेकिन इसे ‘गंभीर मामला’ बताया। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई स्थगित कर 10 दिसंबर (आज) तय की। याचिका में मांग है कि केंद्र फंसे यात्रियों को तत्काल सुविधाएं, रिफंड और वैकल्पिक व्यवस्था (ट्रेनें, होटल) मुहैया कराए। कोर्ट ने कहा, “एयरपोर्ट्स पर हालात अमानवीय हैं।”

सरकार की कार्रवाई: 10% उड़ानें काटीं, लेकिन विवाद जारी

मंत्रालय ने मंगलवार को इंडिगो को 10% उड़ानें काटने का आदेश दिया, ताकि क्षमता से अधिक न चलें। डीजीसीए ने शो-कॉज नोटिस जारी किया। विपक्ष ने JPC जांच की मांग की। इंडिगो का शेयर 15.8% गिर चुका है।

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