बरेली: मंदिर की संपत्ति के लिए साधु ने की दूसरे साधु की हत्या, शव कुएं में फेंका; कोर्ट ने उम्रकैद और 25 हजार जुर्माना लगाया

अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या-9 (अविनाश कुमार सिंह) ने मंगलवार को 11 साल पुराने सनसनीखेज हत्याकांड में दोषी साधु चंदन गिरि उर्फ चंद्रपाल (पटपरागंज, अलीगंज) को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 25 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया। जुर्माना न भरने पर अतिरिक्त 6 महीने की सजा भुगतनी होगी।

वारदात 2014 की है। शाही थाना क्षेत्र के गांव औरंगाबाद में बाबूराम गिरि मंदिर पर रहते थे और पूजा-पाठ करते थे। 27 जनवरी 2014 को मंदिर में भंडारा हुआ था, जिसमें चंदन गिरि भी आया था। गांव वालों ने चंदन को मंदिर से हटा दिया था, लेकिन वह दोबारा मंदिर पर कब्जा करना चाहता था। इसी रंजिश में 11 फरवरी 2014 को चंदन ने बाबूराम की हत्या कर दी और शव मंदिर के पास बने कुएं में फेंक दिया।

मोबाइल फोन ने खोला पूरा राज
बाबूराम का मोबाइल गायब था। जांच में पता चला कि 11 फरवरी को उनका फोन 5 सेकंड के लिए चालू हुआ था और उसमें दूसरा सिम डाला गया था। पुलिस ने सीडीआर खंगाला तो चंदन गिरि के भांजे धर्मेंद्र कश्यप तक पहुंची। धर्मेंद्र ने कबूल किया कि मामा चंदन ने उसे फोन दिया था। इसके बाद सारी कड़ियां जुड़ गईं और 25 फरवरी 2014 को चंदन गिरि को गिरफ्तार कर लिया गया।

अभियोजन की ओर से 9 गवाह और 12 साक्ष्य पेश किए गए। मोबाइल सीडीआर, भांजे का बयान और अन्य सबूतों के आधार पर कोर्ट ने चंदन को हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

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