‘प्रधानमंत्री’ पर बोले राजनाथ, सिर्फ बैठने मात्र से ‘विकास’ संभव नहीं
नई दिल्ली। केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक ऐसा बयान दिया जो करोड़ों दिलों को छू गया। इतना ही उनके इस कथन ने यह भी साबित कर दिया कि काम करने की लगन रखने वाले किसी भी पद के मोहताज नहीं होते। दरअसल एक निजी न्यूज चैनल द्वारा आयोजित के प्रोग्राम में शामिल होने के दौरान राजनाथ सिंह ने खुलकर अपने मन की बातों को प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के दौरान उनसे पुछा गया था कि यदि उन्होंने भविष्य में प्रधानमंत्री के पद पर बैठने का मौक़ा मिले तो वे कौन सा बड़ा बदलाव करने के इच्छुक हैं।
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खबरों के मुताबिक़ राजनाथ सिंह नेटवर्क-18 के ‘राइजिंग इंडिया समिट’ में पहुंचे थे, जहां उन्होंने खुलकर विभिन्न मुद्दे पर अपने विचार रखे।
यहां उनसे साल 2014 का लोकसभा चुनाव और उसके परिणाम में गृहमंत्री की सक्रियता को लेकर सवाल पूछा गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि तमाम पार्टी कार्यकर्ताओं और देश की जनता की वजह से वह सरकार में आए है। आज भाजपा की सरकार पीएम मोदी के नेतृत्व में काम कर रही है।
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वहीं गोरखपुर और फूलपुर में भाजपा की हार पर जब सवाल पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘हो गया… आगे नहीं होगा, क्योंकि समझ में आ गया है कि ऐसा भी होता है।’
इस दौरान एंकर ने गृहमंत्री से पूछा कि क्या कभी उन्होंने ऐसा सोचा था कि जब वह शिक्षा मंत्री बनेंगे तो नकल खत्म कर देंगे, लेकिन अगर वह प्रधानमंत्री बनेंगे तो क्या करेंगे।
इस सवाल का उत्तर देते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि इतनी ज्यादा महत्वकांक्षाओं के साथ वे नहीं जीते। आज वे जिस पद पर हैं या रहें। वह सब ईश्वर की कृपा से संभव हो पाया।
अपनी बातों में उन्होंने कहा- जरूरी नहीं कि देश के विकास में योगदान देने के लिए किसी पद पर आसीन हुआ जाए।
यदि इच्छा है इस दिशा में काम करने की तो कोई भी इंसान देश के विकास का भागीदार हो सकता है।
अपने मंतव्यों को उन्होंने पूरी तरह से समझाते हुए कहा कि देश के विकास में हर नागरिक का बराबर योगदान है, अब चाहे वो देश का किसान हो या फिर किसी पद पर बैठा हुआ प्रतिष्ठित व्यक्ति।
महात्मा गांधी का जिक्र करते हुए वे बोले कि वे एक ऐसे इंसान थे जिन्हें आज पूरा देश याद करता है। उनका नाम लेता है, जबकि वे किसी संवैधानिक पद पर आसीन नहीं थे।
ऐसे ही बहुत से कलाकार, वैज्ञानिक और अन्य विधाओं में महारत हासिल करने वाले इंसान है और रहे हैं, जिन्होंने देश को गौरवान्वित किया है। लोग उनका सम्मान करते हैं। इसलिए नहीं कि वे किसी पद पर विराजमान हुए तो देश के लिए कुछ कर पाए, बल्कि इसलिए क्योंकी उनमें देश के लिए कुछ कर गुजरने का ज़ज्बा था।
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