शिकारी बनने के चक्कर में एक बार फिर राजनीतिक शिकार बन गये राहुल गांधी

नई दिल्ली: भारतीय राजनीति के भीतर नेताओं के भाषण में धर्म, जाति, और गरीब से जुड़े शब्दो का जिक्र जरूर होता है। यही चीजें सही समय पर बोलने वाला सियासी दिग्गज माना जाता हैं तो इसके उलट जो भी नेता इन महत्वपूर्ण पहलुओं को समय और स्थिति के साथ संतुलित नहीं कर पाता वह देश के लोगो के लिए मनोरंजन बन कर रह जाता हैं। इसी का शिकार एक बार फिर कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी बन गये। पीएम मोदी के मंत्री को घेरने के प्रयास में कांग्रेस अध्यक्ष खुद धार्मिक कटघरे में खड़े हो गये ।

राहुल गांधी

राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को ट्वीट पर पीयूष गोयल की तस्वीर वाली खबर के साथ शिरडी का चमत्कार लिखकर हमला बोला था। असल में राहुल गांधी मुंबई की शिरडी इंडस्ट्रीज कंपनी का जिक्र करते हुए पीयूष गोयल को घेरना चाहते थे, लेकिन इस विवाद पर सफाई देने के बजाय इसे नया रंग दे दिया गया और बयान को धार्मिक चोला पहना दिया गया।

आपको बता दे कि राहुल गांधी 2014 चुनाव से पहले शिरडी के दर्शन करने जाते रहे हैं। लेकिन शिरडी इंडस्ट्रीज को घेरने के चक्कर में राहुल धर्म के कटघरे में खड़े कर दिये गये। राहुल के इस ट्वीट के बाद शिरडी ट्रस्ट के सुरेश हवाडे ने राहुल को नासमझ कहते हुए उनसे साईं भक्तों से माफी की मांग की है।

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कांग्रेस  का आरोप है कि 650 करोड़ रुपए की लोन डिफॉल्ट करने वाली मुंबई की लैमिनेट्स बनाने वाली कंपनी शिरडी इंडस्ट्रीज से गोयल का कनेक्शन है। दूसरा आरोप ये है कि पीयूष की पत्नी सीमा की कंपनी इंटरकॉन एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड 1 लाख से शुरू हुई और 10 साल में 30 करोड़ की हो गई।

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