खतरे में जनता की जमा-पूंजी, नीरव मोदी महाघोटाले के बाद फिर सामने आई PNB की बड़ी चूक  

नई दिल्ली। नीरव मोदी महाघोटाले में पंजाब नेशनल बैंक की लापरवाही के बाद अब एक और बड़ी चूक सामने आई है। इस चूक का खामियाजा तकरीबन हजारों ग्राहकों को उठाना पड़ सकता है। दरअसल इस बार बैंक के क्रेडिट-डेबिट कार्ड का डाटा लीक होने की खबर है, जिनकी संख्या 10 हजार के करीब बताई जा रही है। ये घपलेबाजी करीब तीन माह से चल रही थी। अब इसकी जानकारी मिली है।

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पंजाब नेशनल बैंक

खबरों के मुताबिक़ बैंक के खाताधारकों की जो जानकारी लीक हुई है, उसमें नाम, एक्सपायरी डेट, पिन नंबर और सीवीवी नंबर शामिल है। अभी फिलहाल 10 हजार से अधिक ग्राहकों के खातों में सेंधमारी का पता चला है।

नीरव मोदी और मेहुल चोकसी को फर्जी तरीके से लोन देने के मामले में जिस तरह से पीएनबी को बहुत देर के बाद पता चला, वैसे ही इस घपले की जानकारी भी बैंक को करीब तीन महीने बाद हुई है।

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हांगकांग के अखबार एशिया टाइम्स के मुताबिक बैंक को इस बात की जानकारी बुधवार को एक थर्ड पार्टी इंटरनेट सिक्युरिटी देने वाली कंपनी क्लाउडसेक इंफोर्मेशन सिक्युरिटी ने दी। कंपनी का हेडक्वार्टर सिंगापुर है, लेकिन यह बंगलूरू से ऑपरेट करती है।

क्लाउडसेक के चीफ टेक्निकल ऑफिसर राहुल ससी ने एशिया टाइम्स को बताया कि कंपनी का एक क्रॉलर (प्रोग्राम) है जो डार्क/डीप वेबसाइट पर नजर रखता है।

डार्क या डीप वेबसाइट वे साइट होती हैं जो गूगल या किसी अन्य सर्च इंजन पर इंडेक्स नहीं होती हैं। इन वेबसाइट्स पर गैर कानूनी तरीके से जानकारी को खरीदा और बेचा जाता है।

राहुल कहना है की क्रालर के जरिए वे डेटा को सर्च करके उनके द्वारा बनाए गए मशीन लर्निंग प्रोग्राम पर भेजते हैं।

अगर उन्हें पता चलता है कि इस डेटा में ऐसा कुछ भी है जो या तो क्लाइंट के हित में है या संवेदनशील है तो इस पर तत्काल एक्शन लिया जाता हैं।

इस मामले की जानकारी होते ही क्लाउडसेक ने सरकार की एजेंसी की तरफ से पीएनबी को इस बात की सूचना दी।

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