2022 के लिए मानवयुक्त अंतरिक्षयान भेजने की तैयारियां जोरों पर, ऐसे होगा यात्रियों का चयन

नई दिल्ली| भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने वर्ष 2022 में मानवयुक्त अंतरिक्षयान भेजने की तैयारियों को तेज कर दिया है। इसके लिए देश की सवा अरब आबादी में से 30 बेहतरीन लोगों को चुनने की तैयारी की जा रही है।

एस्ट्रोनॉट बनने के दावेदार ये 30 लोग विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ होंगे। इन्हीं में से कई चरण वाली लंबी चयन प्रक्रिया के बाद ‘गगनयान’ से अंतरिक्ष में जाने वाला 3 या 4 लोगों का फाइनल दल तय किया जाएगा।
2022 के लिए मानवयुक्त अंतरिक्षयान भेजने की तैयारियां जोरों पर, ऐसे होगा यात्रियों का चयन
इन 30 एस्ट्रोनॉट के चयन की जिम्मेदारी इसरो ने भारतीय वायुसेना के इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएएम) को सौंपी है। आईएएम ने ही वर्ष  1984 में रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) के यान से अंतरिक्ष में जाने वाले इकलौते भारतीय यात्री राकेश शर्मा का चयन 10 लोगों को परखने के बाद किया था।
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सूत्रों के अनुसार, आईएएम पहले ही इस मिशन में फ्लाइट सर्जन सपोर्ट, केबिन एयर क्वालिटी चेक, क्रू कैप्सूल की मानव इंजीनियरिंग व हेबीटेट मॉड्यूल की एडवांस ट्रेनिंग के लिए इसरो की मदद कर रहा है।

सूत्रों ने बताया कि इस मिशन पर देश में बेस्ट फिजिकल फिटनेस के साथ सही मानसिक नियंत्रण के तालमेल वाले तीन एस्ट्रोनॉट का अंतिम तौर पर चयन होगा। लंबी चयन प्रक्रिया में देखा जाएगा कि वे मानसिक व मेडिकल तौर पर फिट हैं या नहीं और एकांत में मानसिक बदलावों से कैसे निपटते हैं।

चयन की प्रक्रिया-

30 लोग चुने जाएंगे पूरे देश से, वायुसैनिकों को प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद 15 का फाइनल चयन होगा इन सभी को बेसिक ट्रेनिंग देेने बाद 3-3 के ग्रुप में बांटकर 9 लोगों को एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी। 03 एस्ट्रेनॉट के फाइनल ग्रुप को लांच तिथि से तीन महीना पहले दी जाएगी फाइनल ट्रेनिंग
इन 9 लोगों के ग्रुप चुनने की प्रक्रिया को 12 से 14 महीना लगेंगे।
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