भारत और ब्रिटेन ने ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर किए

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए।

भारत और यूनाइटेड किंगडम ने गुरुवार को एक ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य बाजार पहुंच को बढ़ाना और द्विपक्षीय व्यापार को सालाना अनुमानित 34 बिलियन अमरीकी डॉलर तक बढ़ाना है और 2030 तक दोनों देशों के बीच व्यापार को दोगुना करके 120 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंचाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर की उपस्थिति में इस समझौते को औपचारिक रूप दिया गया।

अधिकारियों ने कहा कि एफटीए से टैरिफ में कटौती के माध्यम से 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात को लाभ होगा और इससे व्हिस्की, कार और अन्य वस्तुओं जैसे ब्रिटिश उत्पादों का भारतीय बाजार में निर्यात भी आसान हो जाएगा, जिससे समग्र व्यापार पोर्टफोलियो का विस्तार होगा। तीन साल की बातचीत के बाद संपन्न हुए इस समझौते से सभी क्षेत्रों में भारतीय वस्तुओं के लिए व्यापक बाज़ार पहुँच उपलब्ध होने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि लगभग 99 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर टैरिफ़ समाप्त होने से भारत को लाभ होगा, जो व्यापारिक वस्तुओं के लगभग पूरे मूल्य को कवर करेगा।

व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद स्टार्मर के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज का दिन भारत और ब्रिटेन के बीच संबंधों में ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है और उन्हें खुशी है कि यह कई वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद संभव हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि यह समझौता सिर्फ़ एक आर्थिक समझौता नहीं है, बल्कि साझा समृद्धि की योजना है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “एक तरफ़, भारतीय कपड़ा, जूते, रत्न एवं आभूषण, समुद्री खाद्य और इंजीनियरिंग वस्तुओं को ब्रिटेन में बेहतर बाज़ार पहुँच मिलेगी। भारत के कृषि उत्पादों और प्रसंस्कृत खाद्य उद्योग के लिए ब्रिटेन के बाज़ार में नए अवसर पैदा होंगे। इस समझौते से विशेष रूप से भारतीय युवाओं, किसानों, मछुआरों और एमएसएमई क्षेत्र को लाभ होगा। दूसरी ओर, भारत के लोगों और उद्योग जगत के लिए, ब्रिटेन में बने उत्पाद जैसे चिकित्सा उपकरण उचित और किफायती दामों पर उपलब्ध होंगे।

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