4 देशों की यात्रा पर निकले PM मोदी ने तोड़ा 30 साल का रिकॉर्ड

नरेंद्र मोदीअम्मान। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने चार देशों के दौरे की शुरुआत करते हुए शुक्रवार को जॉर्डन पहुंचे। अपनी इस यात्रा के दौरान वह फिलिस्तीन और खाड़ी क्षेत्र के देश यूएई व ओमान भी जाएंगे। प्रधानमंत्री नौ से 12 फरवरी तक विदेश दौरे पर रहेंगे। उनका यह दौरा इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के भारत आने के एक महीने के भीतर हो रहा है। नई दिल्ली की ओर से फिलिस्तीन के पक्ष में अपने पुराने रुख जाहिर करने के बावजूद नेतन्याहू की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने एक-दूसरे को रणनीतिक साझेदार के तौर पर पेश किया।

पिछले 30 साल में जॉर्डन का दौरा करने वाले मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि अम्मान में जॉर्डन के प्रधानमंत्री (हानी अल मुल्की) ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।

यह भी पढ़ें : हमारे पास हेरिटेज टूरिज्म के लिए बहुत बड़ा स्पेस : सीएम योगी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि प्रधानमंत्री के चार देशों के इस दौरे के दौरान “हमारा लक्ष्य खाड़ी और पश्चिम एशिया क्षेत्र में हमारे बहुआयामी संबंधों को मजबूती प्रदान करना होगा।”

अम्मान पहुंचकर मोदी जॉर्डन के किग अब्दुल्लाह द्वितीय से मिले जो उन्हें शनिवार को आगे फिलिस्तीन जाने के लिए उनके मार्ग को सुगम बनाएंगे।

मोदी जब जॉर्डन की राजधानी अम्मान से हेलिकॉप्टर से फिलिस्तीन की असली राजधानी रमल्लाह पहुंचेंगे तो वह फिलिस्तीन की यात्रा करने वाले भारत के पहले प्रधानमंत्री होंगे। वहां राष्ट्रपति महमूद अब्बास उनका स्वागत करेंगे।

मोदी के आगमन के पूर्व फिलिस्तीन के राष्ट्रपति की ओर से एक बयान में प्रधानमंत्री के इस दौरे को ‘ऐतिहासिक व महत्वपूर्ण’ बताया गया है।

नई दिल्ली से उड़ान भरने के पहले मोदी ने कहा कि वह राष्ट्रपति अब्बास के साथ अपनी बातचीत करने और फिलिस्तीनियों के लिए अपना समर्थन दोहराने को लेकर उत्सुक हैं।

फिलिस्तीन के राष्ट्रपति मोहम्मद अब्बास के साथ यह मोदी की चौथी मुलाकात होगी। इससे पहले 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के समय और उसी साल बाद में पेरिस में जलवायु सम्मेलन के समय और पिछले साल अब्बास के भारत दौरे के दौरान दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी।

यह भी पढ़ें : राबर्ट वाड्रा के करीब पहुंची बीकानेर जमीन के घोटाले की जांच

प्रधानमंत्री का दौरा आरंभ होने से पूर्व विदेश मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव (पश्चिम एशिया व उत्तरी अफ्रीका) बी. बाला भास्कर ने भारत ने फिलिस्तीन को ढांचागत विकास, क्षमता निर्माण और राष्ट्र निर्माण के प्रयासों में भरपूर मदद की है।

इसके अलावा, इस यात्रा के दौरान स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, पर्यटन, युवा मामले, खेल व कृषि के क्षेत्र में सहयोग समेत द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत की जाएगी।

मोदी वहां भारत के घनिष्ठ मित्र और फिलिस्तीनी लिब्रेशन ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख रहे यासर अराफात के स्मारक पर फूलमाला भी अर्पित करेंगे। अराफात 2004 में अपनी मृत्यु र्पयत फिलिस्तीनी राष्ट्रीय प्राधिकरण के प्रमुख रहे। भारत ने 1988 में फिलिस्तीन को राज्य की मान्यता दी थी।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से जेरूसलम को इजरायल की राजधानी के रूप में एकतरफा मान्यता देने के मसले पर भारत ने दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र महासभा में विपक्ष में मतदान किया था।

फिलिस्तीन के दौरे के बाद मोदी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी जाएंगे, जहां भारी तादाद में प्रवासी भारतीय रहते हैं। अगस्त 2015 के बाद मोदी अबू आधी का यह दूसरा दौरा कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें : ‘जूनो’ ने पूरी की बृहस्पति की 10वीं परिक्रमा

मोदी अबू धाबी के क्राउन प्रिंस और यूएई की सेना के डिप्टी कमांडर शेख मोहम्मद बिन जायेद अल के साथ बातचीत करेंगे। जायेद 2017 के गणतंत्र दिवस समारोह में भारत के मुख्य अतिथि थे।

वह यूएई के उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री व दुबई के शासक शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मुलाकात करेंगे।

दुबई मे मोदी यूएई और अरब के सीईओ से भारत में आर्थिक अवसरों को लेकर बातचीत करेंगे।

मोदी ने कहा, “यूएई से मिले आमंत्रण पर मैं दुबई में वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट को संबोधित करुं गा जिसमें भारत बतौर विशिष्ट अतिथि शिरकत करेगा।”

दौर के आखिर में मोटी रविवार को मस्कट जाएंगे और उसके अगले दिन दिल्ली लौटेंगे।

ओमान और यूएई में मोदी भारतीय प्रवासी से मुलाकात कर सकते हैं, जिन्हें उन्होंने भारत और खाड़ी देशों के बीच मित्रता की सेतु कहा है।

LIVE TV