राबर्ट वाड्रा के करीब पहुंची बीकानेर जमीन के घोटाले की जांच

राबर्ट वाड्रानई दिल्ली। बीकानेर जमीन घोटाले की जांच धीरे-धीरे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जीजा राबर्ट वाड्रा के करीब पहुंचती जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में शुक्रवार को महेश नागर के फरीदाबाद के ठिकाने की तलाशी ली। महेश नागर स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड से जुड़ा हुआ है, जो राबर्ट वाड्रा की कंपनी है। ईडी इसके पहले महेश नागर के करीबी अशोक कुमार और जयप्रकाश बगरवा को गिरफ्तार कर चुकी है। स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी पर बीकानेर में गलत तरीके से सैंकड़ों एकड़ जमीन हथियाने का आरोप है।

ईडी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि राजस्थान के सीमावर्ती इलाके बीकानेर में जमीन खरीदने के चार मामलों में महेश नागर स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी का अधिकृत प्रतिनिधि था। पॉवर आफ अटार्नी के मार्फत सैकड़ों एकड़ जमीन स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को बेचने के मामले में महेश नागर की अहम भूमिका थी।

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ईडी इसके पहले भी इस मामले में महेश नागर के ठिकानों पर छापा मार चुकी है, लेकिन अशोक कुमार और जयप्रकाश बगरवा से पूछताछ में मिले नए तथ्यों के बाद फिर से छापा मारा गया है।

दरअसल, बिकानेर में महाजन फायरिंग रेंज के निर्माण के दौरान विस्थापितों के लिए निर्धारित जमीन को फर्जी तरीके के खरीदने-बेचने में अशोक कुमार और जयप्रकाश बगरवा ने अहम भूमिका निभाई थी। इसमें से स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को 69.55 हेक्टेयर जमीन 72 लाख रुपये में बेची गई थी। इसके बाद इसी जमीन को 5.15 करोड़ रुपये में एलीजनी फिनलीज नाम की कंपनी को बेच दिया गया।

ईडी के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एलीजनी फिनलीज एक मुखौटा कंपनी है और कोई वास्तविक बिजनेस नहीं करती। यही नहीं, इस कंपनी के कई शेयर होल्डरों का कोई अता-पता ही नहीं है। आशंका है कि यह राबर्ट वाड्रा की मुखौटा कंपनी है।

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विस्थापितों के लिए निर्धारित इस जमीन पर अवैध तरीके और फर्जी नामों से रजिस्ट्री कराने के मामले में राजस्थान पुलिस एफआइआर दर्ज कर जांच कर रही है। इसी आधार पर ईडी ने मनी लांडिंग रोकथाम कानून के तहत इस मामले में केस दर्ज किया था। वैसे तो ईडी के केस में राबर्ट वाड्रा को सीधे तौर पर आरोपी नहीं बनाया गया है, लेकिन उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी को नोटिस भेज कर दस्तावेज जमा कराने को कहा गया था।

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