
दुबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने यूएई दौरे में रविवार को छठवें वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट (WGS) में बतौर चीफ गेस्ट शामिल हुए। इस दौरान पीएम ने समिट को संबोधित करते हुए कहा कि यह सिर्फ मेरा ही नहीं, बल्कि 125 करोड़ भारतीयों का भी सम्मान है। इसके साथ ही समिट में पीएम मोदी ने आधार के जरिए आठ अरब डॉलर की बचत की बात के साथ और भी कई अहम बातें दुनिया को बताई।
पीएम ने कहा हमारी सरकार का मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है। आधार के जरिए हमने 800 करोड़ की लीकेज को पाट दिया है। भारत में डिजिटल पेमेंट की क्रांति हो रही है।
पीएम ने कहा कि देश में चल रहे इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरे विकास कार्यक्रमों की मैं खुद हर महीने समीक्षा करता हूं। इसमें सभी सम्बंधित राज्य और केंद्र सरकार के मंत्रालय जुड़ते हैं। इस समीक्षा का नाम है प्रगति, जिसका अर्थ प्रोग्रेस होता है।
इसके साथ ही पीएम ने बाताया कि आर्थिक क्षेत्र में भी कई सुधार किए गए हैं, जिससे भारत में व्यापार करने में आसानी में खासा सुधार हुआ है।
जीसीसी के उद्योगपतियों के साथ बैठक में पीएम ने वर्ल्ड बैंक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंक में भारत के 30 स्थान ऊपर पहुंचकर 100 में शुमार होने के परिणाम के बदलावों को रेखांकित किया।
यह भी पढ़ें :-न्याय प्रणाली में पारदर्शिता के लिए बड़े स्तर पर बदलाव जरूरी : के.टी.एस. तुलसी
इसके साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल विकास और आम लोगों के जीवनस्तर में उत्थान लाने के लिए होना चाहिए, न कि विनाश के लिए।
उन्होंने कहा कि दुनिया से अभी गरीबी और कुपोषण समाप्त नहीं हुआ है, फिर भी संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा मिसाइल व हथियार तैयार करने वाली प्रौद्योगिकियों में इस्तेमाल हो रहा है।
उन्होंने कहा, “प्रौद्योगिकी के पास खुद का कोई नैतिक मूल्य नहीं होता। यही कारण है कि मानव कभी-कभी प्रौद्योगिकी को विनाश का साधन बना लेता है। साइबर अपराध इसका उदाहरण है। हमें प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सिर्फ विकास के लिए करना चाहिए।”
यह भी पढ़ें :-सुंजवां: आतंकी हमले में 5 जवान शहीद, 4 आतंकी ढेर, एक नागरिक की मौत
उन्होंने कहा कि सरकारें यह सुनिश्चित करें कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल विकास और लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए हो।
पीएम ने कहा कि उनकी सरकार ई-गवर्नेस को तवज्जो दे रही है। इसकी व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि ई-गवर्नेस में ई से अभिप्राय सरकार को प्रभावकारी, समतुल्य, सक्षम और सशक्त बनाना है।
गौरतलब है कि यह पीएम मोदी का दूसरा यूएई दौरा है। यह दौरा ऐसे तनाव के समय में हो रहा है, जब जीसीसी का कतर से गतिरोध है और कुछ सदस्यों की अगुवाई सऊदी अरब कर रहा है।