गलती से सीख नहीं ले रही सूबे की सरकार, अब संबल योजना के कार्ड पर ‘शिवराज’ की तस्वीर

भोपाल। एक बड़ी मशहूर कहावत है, ‘कोई कुछ भी कहे और कुछ भी करे, हम नहीं सुधरेंगे।’ लगता है कि मध्यप्रदेश की सरकार और जिला प्रशासन स्तर के अफसरों ने भी अपने जीवन में इस कहावत को समाहित कर लिया है.

संबल योजना

तभी तो उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ द्वारा प्रधानमंत्री आवास में लगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के टाइल्स हटाने का आदेश दिए जाने के बावजूद ग्वालियर व उसके आसपास के जिलों सहित राज्य के कई हिस्सों में संबल योजना के हितग्राहियों को जो कार्ड दिए जा रहे हैं, उस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर है।

शिवराज ने गरीब मतदाताओं के घर-घर तक पैठ बनाने के लिए संबल योजना को अमली जामा पहनाया है। इस योजना के जरिए असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को कई सुविधाएं दी जा रही हैं। इस योजना के तहत जहां गरीबों को 200 रुपये प्रतिमाह पर बिजली दी जा रही है, वहीं अंत्येष्टि सहायता योजना, अनुग्रह सहायता योजना, उन्नत व्यवसाय के लिए उपकरण अनुदान योजना, शिक्षा प्रोत्साहन योजना, बकाया बिजली बिल माफी योजना, नि:शुल्क चिकित्सा व प्रसूति सहायता योजना, रोजगार प्रशिक्षण योजनाएं अमल में लाई गई हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तो शिवराज पर सीधे हमला करते हुए उन्हें ‘घोषणा मशीन’ और ‘प्रधानमंत्री को झूठ बोलने वाली मशीन’ तक कह डाला था। उनका आरोप था कि राज्य में 20,000 से ज्यादा घोषणाएं की जा चुकी हैं। लोगों को पता ही नहीं है कि किस योजना पर क्या हो रहा है।

कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दुर्गेश शर्मा का कहना है कि वर्तमान सरकार के लिए नियम-कायदे रहे ही नहीं। यह सरकार उच्च न्यायालय से लेकर चुनाव आयोग तक के दिशा-निर्देशों को दरकिनार किए जा रही है। यही कारण है कि एक तरफ जहां प्रधानमंत्री आवास से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री की तस्वीरों वाले टाइल्स हटाने के आदेश हुए, फिर भी वह मुख्यमंत्री की तस्वीर वाले संबल योजना के स्मार्टकार्ड बांट रही है।

वहीं भाजपा के मुख्य प्रवक्ता डॉ. दीपक विजयवर्गीय का कहना है कि संबल योजना के कार्ड में मुख्यमंत्री की तस्वीर की बात उनके संज्ञान में नहीं आई है। अगर ऐसा है भी तो प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री देश और राज्य का प्रमुख होता है और योजनाओं व कार्ड में उनकी तस्वीर होने में कोई बुराई नहीं है, इसे राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।

आधिकारिक तौर पर उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि राज्य में संबल योजना में 2,22,64,212 श्रमिक पंजीकृत हुए हैं। पंजीकृत परिवारों की संख्या 1,07,29,713 है। इस योजना से अब तक 53,71,918 लोगों के बिजली बिल माफ किए जा चुके हैं। 74,93,721 परिवारों को अन्नपूर्णा (पीडीएस) योजना का लाभ मिल चुका है। इसी तरह आयुष्मान योजना से 1,07,29,713 परिवार लाभान्वित हेा चुके हैं।

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इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी श्रम विभाग के पास है। पंजीकृत व्यक्ति को श्रम विभाग के अधीन गठित असंगठित शहरी व ग्रामीण विकास कर्मकार कल्याण मंडल के जरिए पंजीयन कार्ड जारी किए जा रहे हैं। इन कार्डो पर एक तरफ राज्य सरकार का मोनोग्राम है तो दूसरी तरफ मुख्यमंत्री शिवराज की तस्वीर है। साथ ही पंजीकृत व्यक्ति के सामने नाम, जन्मतिथि व पता है तो पीछे जिले का नाम, पंजीयन की तारीख, वैधता आदि का ब्यौरा है।

इस संबंध में जब श्रम विभाग से संपर्क किया गया तो उपायुक्त (डिप्टी कमिश्नर) एस.एस. दीक्षित ने बताया कि यह कार्ड जिला स्तर पर बनाए जा रहे हैं। उनमें क्या है, इसकी जानकारी उन्हें नहीं है।

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राज्य के अन्य हिस्सों की तरह ग्वालियर-चंबल संभाग में वितरित किए गए कुछ कार्डो की छायाप्रति आए हैं, जिसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की तस्वीर है। विधानसभा चुनाव करीब है और इस कार्ड को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमलावर भी हो सकती है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।

देखें वीडियो:-

https://youtu.be/1RPpe4YOI-s

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