पैराडाइज पेपर्स : हफ्ते भर के लिए ‘मौनी बाबा’ बने भाजपा सांसद, सिन्हा ने दी सफाई

पैराडाइज पेपर्स का खुलासानई दिल्ली। जर्मनी के जीटॉयचे साइटुंग नामक अखबार के पैराडाइज पेपर्स का खुलासा किए जाने से पूरी दुनिया में हड़कम्प मच गया है। इस खुलासे में सैकड़ों भारतीयों का भी नाम है। इनमें केंद्र सरकार में विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और संसद के सबसे अमीर सदस्य आरके सिन्हा का नाम भी शामिल है। मामले के सामने आतेत ही जयंत सिंहा ने सफाई दी है वहीं आरके सिन्हा हफ्ते भर के मौन व्रत पर चले गए हैं।

पीएम मोदी की देश में अचानक की गई नोटबंदी की सालगिरह के 48 घंटे पहले ही ब्लैक मनी को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पैराडाइज पेपर्स का यह खुलासा जर्मनी के जीटॉयचे साइटुंग नामक अखबार ने किया है। इसी अखबार ने 18 महीने पहले पनामा पेपर्स का खुलासा कर पूरी दुनिया में बम फोड़ दिया था। इसमें विश्व की कई बड़ी हस्तियों के नाम थे।

पैराडाइज पेपर्स में बीजेपी के राज्यसभा सांसद रविंद्र किशोर सिन्हा का भी नाम आया है। पैराडाइज पेपर्स के मुताबिक, आरके सिन्हा की प्राइवेट सिक्योरिटी सर्विस फर्म SIS (सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज) की विदेश में भी रजिस्टर्ड दो कंपनियां हैं।

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अखबार के खुलासे के बाद केंद्र सरकार में विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने सफाई दी है। उन्होंने कहा कि, कहा कि ओमिद्यार नेटवर्क के प्रतिनिधि के नाते डि लाइट कंपनी के लिए ये लेन देन किए।

उन्होंने कहा कि ये उनके मंत्री बनने से पहले की बात है और उन्होंने इन ट्रांजैक्शन की सारी जानकारियां संबंधित विभागों के साथ पहले ही साझा कर रखे हैं।

वहीं, पैराडाइज पेपर्स में नाम आने के बाद से सिन्हा ने चुप्पी साध रखी है. इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने मीडियाकर्मियों को लिखकर बताया कि एक धार्मिक अनुष्ठान के चलते 7 दिनों तक मौन व्रत पर हैं।

‘पैराडाइज पेपर्स’ नामक दस्तावेजों की छानबीन 96 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इंटरनैशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स ने की है।

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पैराडाइज पेपर्स में 1.34 करोड़ दस्तावेज शामिल हैं। इस खुलासे में उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर के रईसों का पैसा इधर से उधर भेजने में मदद करते हैं। पैराडाइज पेपर्स लीक में पनामा की तरह ही कई भारतीय राजनेताओं, अभिनेताओं और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं।

आईसीआईजे के भारतीय सहयोगी मीडिया संस्थान इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, इस लिस्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। वहीं दुनिया भर की बात करें तो इस लिस्ट में कुल 180 देशों के नाम हैं। इस लिस्ट में भारत 19वें नंबर पर है। जिन दस्तावेजों की छानबीन की गई है, उनमें से ज्यादातर बरमूडा की लॉ फर्म ऐपलबाय के हैं।

119 साल पुरानी यह कंपनी वकीलों, अकाउंटेंट्स, बैंकर्स और अन्य लोगों के नेटवर्क की एक सदस्य है। इस नेटवर्क में वे लोग भी शामिल हैं जो अपने क्लाइंट्स के लिए विदेशों में कंपनियां सेट अप करते हैं और उनके बैंक अकाउंट्स को मैनेज करते हैं।

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खास बात यह है कि ऐपलबाय का दूसरी सबसे बड़ी क्लाइंट एक भारतीय कंपनी है, जिसकी दुनियाभर में करीब 118 सहयोगी कंपनियां हैं। ऐपलबाय के भारतीय क्लाइंट्स में कुछ बड़े कॉर्पोरेट्स और कंपनियां हैं, जो अक्सर सीबीआई और ईडी की जांच के दायरे में आती रही हैं।

पैराडाइज पेपर्स में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के अरबपति कॉमर्स सेक्रटरी विलबर रॉस और रूस के बीच संबंध, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रू़डो के चीफ फंडरेज़र के खुफिया लेनदेन, ट्विटर और फेसबुक में रूसी कंपनियों के निवेश, इंग्लैंड की रानी क्वीन एलिज़ाबेथ- 2 का मेडिकल और कंज्यूमर लोन कंपनियों में निवेश जैसी बातें भी सामने आई हैं।

इन भारतीयों का नाम

इस खुलासे में वर्तमान में केंद्र सरकार में विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा और बॉलिवुड के महानायक कहे जाने वाले अमिताभ बच्चन का भी नाम सामने आया है। इस लिस्ट में अमिताभ बच्चन के बरमूडा में एक कंपनी में शेयर्स होने का भी खुलासा हुआ है।

केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा का नाम राजनीति में आने से पहले ओमिड्यार नेटवर्क में साझीदारी को लेकर सामने आया है। इसके अलावा बीजेपी के राज्यसभा सांसद और कारोबारी आरके सिन्हा की कंपनी एसआईएस सिक्यॉरिटीज का नाम भी सामने आया है। अभिनेता संजय दत्त की पत्नी मान्यता दत्त के पुराने नाम नाम दिलनशीं का भी पैराडाइज पेपर्स लीक में जिक्र है।

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