श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कान्हा की ससुराल में मची है धूम

रिपोर्ट – अश्वनी बाजपेयी

औरैया। श्री कृष्ण की जन्माष्टमी के पावन पर्व के समय में जहां मथुरा और वृन्दावन में धूम मची हुई है। ऐसे समय में कृष्ण की ससुराल भी पीछे नहीं है। अपने प्रिय दामाद के जन्मदिन का पर्व मनाने की तैयारी जोर शोर से शुरू है।

श्री कृष्णा जन्माष्टमी

कृष्ण के जन्मदिन पर उनकी ससुराल के मंदिर में बजते ढोलक की थाप से और कृष्ण भगवान को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है। यूपी के औरैया जनपद के एरवाकटरा ब्लाक के कुदरकोट क़स्बा कृष्ण की ससुराल के रूप में जाना जाता है। पौराणिक तथ्यों के अनुसार आज का कुदरकोट द्वापर युग के समय कुन्दपुर नाम से जाना जाता था। देवी रुक्मणी के पिता राजा भीष्मक की राजधानी थी और देवी रुक्मणी इसी मंदिर में माता गौरी की पूजा प्रतिदिन करने आती थी।

पिता भीष्मक द्वारा श्री कृष्ण से विवाह की बात देवी रुक्मणी के भाई रुकुम को बर्दाश्त नहीं हुयी तो उसने अपने साले शिशुपाल से देवी रुक्मणी की शादी तय कर दी। देवी रुक्मणी जो की कृष्ण को बहुत प्यारी थी। देवी रुक्मणी जब नियमानुसार इस मंदिर में पूजा करने आई तो श्री कृष्ण ने उनका हरण कर लिया उसी समय माता गौरी भी इस मंदिर से आलोप हो गयी। तब से इस मंदिर को आलोपा देवी मंदिर के नाम से जाना जाता है।

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कुदरकोट प्रसिद्ध हो गया श्री कृष्ण की ससुराल के नाम से और अपने प्रिय दामाद के जन्मदिन का त्यौहार बहुत ही धूम धाम से मनाना यहाँ का नियम हो गया है । इस मंदिर में जन्माष्टमी तक लगातार कृष्ण भक्ति गीत गाये जाते है। यहाँ का जन्माष्टमी का पर्व मथुरा वृन्दावन की तरह ही मनाया जाता है।

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