न आस्था… न विश्वास, इस खौफनाक ‘राज’ की वजह से नहीं हैं घरों में दरवाजे

घरों में तालालखनऊ। महाराष्ट्र में स्थित शनि शिंगणापुर मंदिर के आस-पास बने रहने वाले लोग घरों में ताला नहीं डालते हैं। ऐसा वो किसी नियम के चलते नहीं करते बल्कि शनिदेव पर इतना विश्वास है कि यहां कोई भी घरों में ताला नहीं लगाता। कुछ ऐसा ही नजारा यूपी के चित्रकूट जिले में आने वाले एक गांव के घरों का है। लेकिन यहां आस्था नहीं दहशत हावी है, जिसके चलते लोग ताला नहीं लगाते।

चित्रकूट के कुछ गांव ऐसे हैं जिसके किसी भी घर में दरवाजा नहीं है। वजह बेहद हैरान करने वाली है। गांव वालों ने ऐसा इलाके के कुख्यात डकैत बबली कौल के डर से किया है। कौल ने गांव वालों से कहा था कि कोई भी अपने घर में दरवाजा न लगाए ताकि वह कभी भी उनके घर में आ जा सकें।

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सात लाख के इनामी डकैत बबली कोल उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमाओं से सटे गांवों में आतंक का पर्याय बना हुआ है। आलम यह है कि कुछ गांव ऐसे हैं जहां घरों में दरवाजा नहीं है। इनमें से एक गांव गोबरहाई भी है।

गांव वालों का कहना है कि इनामी डकैत बबली कौल का यह फरमान है। क्योंकि बबली कौल का कहना है कि किसी भी घर में दरवाजा न हो, जिससे वह रात-बिरात घरों में आ जा सके। ग्रामीणों का कहना है कि अगर वह दरवाजा लगवा लेते हैं तो डकैत रात में उन्हें परेशान करते हैं और उनके साथ मारपीट भी करते हैं।

डकैतों के चले जाने के बाद पुलिस भी अचानक घरों की तलाशी लेने के लिए दरवाजा खटखटाती है, जिससे परेशान होकर घरों में दरवाजा ही नहीं लगाते। जिसे आना हो आये और जिसे जाना हो जाये। क्योंकि दोनों तरफ से गांव वाले ही मारे जाते हैं, इसलिए घरों में दरवाजा नहीं है।

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