Nirmala Sitharaman Speech:जानिएं आत्मनिर्भर भारत 3.0 अभियान की पहल के साथ किन अहम घोषणाओं का हुआ एलान

वित्त मंत्रालय (Ministry of Finance) की ओर से गुरुवार दोपहर 12:30 बजे से प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press Conference) हो रही है वहीं इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) संबोधन कर रही हैं। निर्मला ने इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में देश की वर्तमान अर्थव्यवस्था को लेकर चर्चा कर रही हैं। वहीं इसी बीच निर्मला ने आत्मनिर्भर भारत 3.0 का भी जिक्र किया। इस दौरान कई नए राहत उपायों का एलान किया गया है तो आइए उन राहत उपायों के बारे में जानते हैं।

जारी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पत्रकारों को बताया कि, ‘इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को 31 मार्च 2021 तक आगे बढ़ा दिया गया है। इसके अंतर्गत 20 फीसद कार्यशील पूंजी देने का प्रावधान है। इसमें कोलेट्रल फ्री लोन दिया जाता है।’

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि, ‘आत्मनिर्भर भारत 3.0 के अंतर्गत 12 राहत उपायों की घोषणा होगी। इसके अंतर्गत रोजगार में वृद्धि के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की घोषणा की जा रही है। इस योजना से संगठित क्षेत्र में रोजगार को बल मिलेगा। पंजीकृत ईपीएफओ संस्थान से जुड़ने वाले कर्मचारी को इसका लाभ मिलेगा। इससे उन लोगों को लाभ मिलेगा जिनका वेतन 15,000 रुपये से कम है या जो पहले ईपीएफओ से नहीं जुडे थे अथवा जिनकी नौकरी 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच चली गई थी। यह योजना 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगी और 30 जून 2021 तक लागू रहेगी।’

यह कहते हुए उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि, ‘आत्मनिर्भर भारत 2.0 अभियान के अंतर्गत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए LTC वाउचर स्कीम की घोषणा की गई थी। इसमें अच्छा विकास हो रही है। सरकार ने करदाताओं को 132800 करोड़ रुपये से अधिक का आयकर रिफंड दिया है। साथ ही इमरजेंसी क्रेडिट लाइन स्कीम के तहत 61 लाख कर्जदारों को 2.05 लाख करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई। इसमें अब तक 1.52 लाख करोड़ रुपये वितरित हो चुके हैं। इससे उद्योगों को अतिरिक्त कार्यशील पूंजी मिली।’

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरन ही निर्मला ने कहा कि, ‘बैंकों ने 157.44 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं। उन्हें दो चरणों में 143262 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा के अंतर्गत 1681 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। नाबार्ड के माध्यम से 25 हजार करोड़ रुपये की कार्यशील पूंजी आवंटित की गई है। साथ ही आत्मनिर्भर भारत अभियान के पहले चरण का अच्छा प्रदर्शन रहा है। 28 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश राशन कार्ड नैशनल पोर्टेबिलिटी के अधीन हैं। इससे 68.6 करोड़ लोगों को फायदा हुआ है। पीएम स्वनिधि योजना के तहत 1373.33 करोड़ रुपये के 13.78 लोन आवंटित किए गए हैं।’

वित्त मंत्री निर्मला ने बाताया कि, ‘मैं कुछ नए उपायों की घोषणा करने जा रही हूं। आप इन्हें प्रोत्साहन पैकेज कह सकते हैं। इकॉनमी तेजी से पटरी पर लौट रही है। कोरोना के सक्रिय मामले घटे हैं। वहीं आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत One Nation One Ration Card शुरू किया गया था। 1 सितंबर से 28 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने यह लागू कर दिया है। यानी अब देश के किसी भी देश के मजदूर किसी भी जगह से राशन ले सकते हैं।’

वित्त मंत्री ने स्ट्रीट वेंडरों के बारे में कहा कि, ‘स्ट्रीट वेंडर के लिए अब तक 13.8 लाख लोन मंजूर किए गए हैं। यानी इतने लोगों को लोन मिला है। इन्हें कुल मिलाकर लगभग 13 करोड़ रुपए का लोन बांटा गया है। साथ ही बताया कि जीएसटी संग्रह बढ़ा है। अक्टूबर में इसमें सालाना आधार पर 10 फीसद की तेजी आई है। बैंक क्रेडिट में 23 अक्टूबर तक 5.1 फीसद की तेजी आई है। विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है।’

वित्त मंत्री के मुताबिक, ‘अर्थव्यवस्था में मजबूत रिकवरी देखने को मिल रही है। कोरोना के संक्रमित मामले 10 लाख से अधिक के आंकड़े से गिरकर 4.89 लाख पर आ गए हैं। मृत्यु दर भी मात्र 1.47 फीसद रह गई है। साथ उन्होंने कहा कि रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कैलेंडर वर्ष 2020 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अपने अनुमान को बढ़ा दिया है। साथ ही रेटिंग एजेंसी ने कैलेंडर वर्ष 2021 के लिए भी देश की जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बढ़ा दिया है। मूडीज ने साल 2020 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के अपने अनुमान को बढ़ाकर -8.9 फीसद कर दिया है। यह पहले -9.6 फीसद था।’

आखिर में अपनी बात को खत्म करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि, ‘इसके अलावा मूडीज ने आने वाले वर्ष 2021 के लिए भारत की जीडीपी ग्रोथ के लिए अपने अनुमान को 8.1 फीसद से बढ़ाकर 8.6 फीसद कर दिया है। यह अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है।’

गौरतलब है कि बीते बुधवार को मंत्रिमंडल द्वारा करीब 2 लाख करोड़ रुपये के उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि (PLI) देने का एलान किया था। बताया जा रहा है कि यह योजना सिर्फ 10 मैन्युफैक्चरर्सके लिए ही है जिसमें वो मात्र 5 साल ही इस योजना का लाभ उठा पाएंगे। यदि हम उन 10 मैन्युफैक्चरर्स की बात करें तो उनमें ऑटोमोबाइल और ऑटो पुर्जे, दूरसंचार, दवा, विशेष रसायन, पूंजीगत सामान, प्रौद्योगिकी उत्पाद, सफेद वस्तुएं, घरेलू इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, नेटवर्किंग उत्पाद, टेक्सटाइल्स, एसी व एलईडी और उन्नत बैटरी सेल शुमार हैं। कोरोना महामारी से जूझने के साथ ही जारी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था को 23.9 फीसद कमी आने से भारी झटका लगा है। साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था पर कई सर्वेक्षणों में 15 फीसद से ज्यादा के संकुचन का दावा किया गया है। इसको ध्यान में रखते हुए प्रोत्साहन पैकेज की मांग की जा रही है।

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