मैदान पर गलत व्यवहार और खिलाड़ी होगा बाहर : आईसीसी

गलत व्यवहारनई दिल्ली। विश्व क्रिकेट की नियंत्रक संस्था-अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) ने मंगलवार को साफ कर दिया कि जो खिलाड़ी मैदान के भीतर अपने व्यवहार या फिर हरकतों को लेकर ‘बेकाबू’ होंगे, उन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। यह सब ठीक वैसे ही होगा, जैसा फुटबाल में होता है। अंपायर को धमकाना, अंपायर के साथ गलत तरीके और जानबूझकर किए गए शारीरिक संपर्क, किसी खिलाड़ी या अन्य सदस्य के साथ हिंसक व्यवहार या किसी अन्य प्रकार का हिंसक व्यवहार करने पर खिलाड़ी को लेवल-4 का दोषी माना जाएगा और इसके लिए सिर्फ और सिर्फ एक ही सजा होगी और वह सजा मैदान के बाहर जाने की होगी।

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खास बात यह है कि लेवल-4 के दोषी खिलाड़ी की मैदान के बाहर जाने के बाद वापसी नहीं होगी।

इसके अलावा, लेवल 1-3 के बीच शामिल गलत व्यवहार पर आईसीसी की आचार संहिता वैसा ही रवैया अपनाएगी, जैसा वह अपनाती रही है। इन मामलों में आईसीसी मैच रेफरी और मैदानी अम्पायरों की राय लेकर सजा का ऐलान करेगी।

इन नए नियमों में बल्ले के आयामों तथा निर्णय समीक्षा प्रणाली (डीआरस) में भी कुछ बदलाव किए गए हैं, जो सभी सीरीज में लागू किए जाएंगे।

बल्ले की लंबाई और चौड़ाई में किसी प्रकार का बदलाव नहीं आया है, लेकिन बल्ले के ऐज (कोण) की मोटाई 40 मिलीमीटर से अधिक नहीं होनी चाहिए और इसकी गहराई अधिक से अधिक 67 मिलीमीटर तक होनी चाहिए। इसके तहत, अंपायरों को जल्द ही बल्ले के नाप के बारे में जानकारी दे दी जाएगी, ताकि वे बल्ले की वैधता जांच सकें।

डीआरएस में किए गए बदलावों के तहत टेस्ट मैचों में टॉपअब्प रिव्यू नहीं होंगे। टॉपअप रिव्यू में टीमों को 80 ओवरों के बाद दो और रिव्यू दिए जाते थे, जो अब नहीं दिए जाएंगे। इसका साफ मतलब यह है कि प्रत्येक पारी में केवल दो असफल रिव्यू होंगे।

आईसीसी ने अपने एक बयान में कहा कि नए नियमों के तहत टी-20 मैचों में भी डीआरस का इस्तेमाल किया जा सकेगा।

दक्षिण अफ्रीका-बांग्लादेश् और पाकिस्तान-श्रीलंका के बीच खेली जाने वाली सीरीज इन नए नियमों के तहत खेली जाएगी।

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