नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मेडिकल के स्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा ( NEET ) को एक साल के लिए टालने के लिए शुक्रवार को एक अध्यादेश पर मुहर लगा दी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश जारी करने का फैसला किया गया।
NEET पर रोक
अध्यादेश जारी के करने के फैसले से एनईईटी कराने के शीर्ष अदालत के 9 मई के फैसले पर रोक लग गई है। इस कार्यकारी आदेश का मकसद सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को ‘आंशिक’ रूप से बदलना है जिसमें कहा गया है कि सभी सरकारी कॉलेज, डीम्ड यूनिवर्सिटी एवं प्राइवेट मेडिकल कॉलेज नीट के दायरे में आएंगे। परीक्षा का अगला चरण 24 जुलाई को होना है। नीट की पहले चरण की परीक्षा एक मई को हुई थी जिसमें करीब 6.5 लाख छात्र बैठे थे।
इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल ने अध्यादेश के खिलाफ पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उनका आरोप है कि कई नेता निजी मेडिकल कॉलेजों में गोरखधंधा कर रहे हैं। ऐसे में NEET पर अध्यादेश देश के खिलाफ होगा। केजरीवाल ने चिट्ठी में यह भी कहा है कि अध्यादेश लाने का मतलब है कि सरकार काला धन रखने वालों के साथ है।