कर्नाटक चुनाव : ईवीएम के ‘कलंक’ से मुक्त नहीं हुई भाजपा, सहयोगी पार्टी ने उठाए सवाल

मुंबई। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी शिवसेना, विपक्षी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा के नतीजों की घोषणा होने के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) को लेकर सवाल उठाए।

कर्नाटक चुनाव

लंबे समय से ईवीएम के प्रबल विरोधी रहे मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कर्नाटक के नतीजों पर संक्षिप्त प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “यह ईवीएम की जीत है।”

शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, “मैं कर्नाटक के सभी विजेताओं को बधाई देता हूं, चाहे वे भाजपा के हो या कांग्रेस के।” उन्होंने कहा हालांकि ईवीएम का रहस्य अभी तक सुलझा नहीं है। सभी संदेहों को दूर करने के लिए बैलेट पेपर वोटिंग जरूरी है।

ठाकरे ने कहा, “अगर भाजपा खुद को लेकर बहुत आश्वस्त है तो पूरे भारत में हमेशा के लिए बैलेट पेपर से वोटिंग की घोषणा कर दे। इसके बाद विपक्ष भी चुप हो जाएगा।”

शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा ने आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा को कर्नाटक के उन क्षेत्रों में इतने वोट कैसे मिल सकते हैं, जहां वह इतनी कमजोर रही है।

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रांकपा ने कहा, “यह ईवीएम की भूमिका पर सवाल उठाता है। भारत निर्वाचन आयोग को ईवीएम को लेकर लोगों के डर पर ध्यान देना चाहिए और बैलेट पेपर से वोट डलवाने चाहिए। इसमें थोड़ा वक्त जरूर लगता है लेकिन यह सभी आशंकाओं को दूर कर देगा। इसलिए आयोग को इस पर विचार करना चाहिए।”

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भाजपा पर हमला बोलते हुए उद्धव ने कहा कि उसके उम्मीदवार राज्य चुनाव में जीतते हैं लेकिन उप चुनाव में हार जाते हैं। शिवसेना भी लंबे समय से ईवीएम से चुनाव कराने का विरोध करती रही है।

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