नहीं हो रही शादी तो नवरात्र के छठे दिन मां कात्यायनी की करें पूजा
नई दिल्ली। नवरात्र का छठा दिन मां कात्यायनी का प्रतीक माना जाता है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है। माना जाता है कि मां की इस दिन पूजा करने से अद्भुत शक्ति का संचार होता है।
इस दिन भक्त का ध्यान स्थिर होता है। योगसाधना में इस आज्ञा चक्र का मुख्य स्थान होता है। इस चक्र में स्थित मन वाला साधक मां कात्यायनी के चरणों में अपना सर्वस्व निवेदित कर देता है। मान्यता है कि मां कात्यायनी अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करती हैं साथ ही ये भी कहा जाता है। मां कात्यायनी की पूजा व आराधना करने से कुंवारी कन्याओं की भी शादी जल्दी हो जाती हैं।
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इस मंत्र का करें जाप-
चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहन | कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी ||
या
या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
नवरात्र के छठे दिन की पूजा विधि –
नवरात्र के छठे दिन भी सर्वप्रथम कलश व देवी कात्यायनी जी की पूजा की जाती है। पूजा की विधि शुरू करने पर हाथों में फूल लेकर देवी को प्रणाम कर देवी के मंत्र का ध्यान किया जाता है। देवी की पूजा के पश्चात महादेव और परम पिता की पूजा करनी चाहिए। श्री हरि की पूजा देवी लक्ष्मी के साथ ही करनी चाहिए। माता की पूजा में शंखनाद होता है तथा भंडारों का आयोजन किया जाता है।